ब्रेकिंग
जिला बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस द्वारा अवैध रूप से डंप किया गया भारी मात्रा में शराब का जखीरा किया गया बरामद थाना हथबंद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम केसदा मे... क्षेत्रीय विधायक इन्द्र साव ने रावणभाठा स्थित दशहरा मैदान के मुख्यमंच से नगर वासियों और क्षेत्रवासियो को विजयादशमी पर्व की बधाई दी विधायक इंद्र साव के प्रयास से भाटापारा राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा विधायक के प्रस्ताव को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी स्वीकृति सुशील शर्मा को आगामी झारखंड प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने हटिया विधान सभा क्रमांक 64 का पर्यवेक्षक नियुक्त किया जिला बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस द्वारा रोड में खड़ी ट्रकों के पहिए चोरी करने वाले गिरोह का किया गया पर्दाफाश पुलिस द्वारा ट्रकों के पहिए व बैटरी जैक च... खड़ी ट्रैकों में हो रही लगातार चोरी से परेशान भाटापारा ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन द्वारा विरोध प्रदर्शन पद यात्रा करते हुए शहर थाने में ज्ञापन सौंपा गया भाटापारा में ब्राउन शुगर का कारोबारी गिरिफ़्तार,ड्रग्स विभाग निष्क्रिय,युवाओं का भविष्य अंधकार में ,गृह मंत्री त्यागपत्र देवे—सुशील शर्मा भाटापारा/सिमगा के शराब दुकानों में शराब ओवर रेट पर बिक्री की जा रही है-प्रशासन तत्काल बंद कराये-सुशील शर्मा युवा ब्राह्मण समाज भाटापारा का द्वितीय चरण का वृक्षारोपण कार्यक्रम:- युवा ब्राह्मण समाज एवं मयूर परिवहन के संयुक्त तत्वाधान में वृक्षारोपण का कार्यक्र... विधायक ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री से भाटापारा को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की रखी मांग भाटापारा को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की मांग - विधायक ...

सरकार को सुनाया दुखड़ा तो पहुंचा दिया हवालात, जिला उपायुक्त को नहीं भाई ग्रामीण की बात

श्रीनगर : आप स्थानीय हैं, आप हमारी समस्याओं को अच्छी तरह जानते हैं, हम आपका कॉलर कभी भी पकड़ सकते हैं, इसलिए हम आपके पास नहीं आएंगे तो कहां जाएंगे, बाहर वाले अधिकारियों को हमारी भाषा का पता नहीं हैं, उनसे कैसे उम्मीद कर सकते हैं… 50 वर्षीय सज्जाद रशीद सोफी ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के सलाहकार बसीर अहमद खान के साथ स्थानीय मुद्दों पर चर्चा करते हुए यह बात की, तो उसे नहीं पता था कि उसकी यह बात उसे हवालात पहुंचा देगी। उसकी बात से नाराज एक युवा आइएएस अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और सोफी हवालात में पहुंच गया। अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद उसे रिहा किया गया।वहीं पुलिस कहती है कि उसे एहतियात के तौर पर हिरासत में रखा गया था।

यह मामला गांदरबल जिले के मानसबल का है, जहां गत 10 जून को सलाहकार बसीर अहमद खान ने स्थानीय लोगों के साथ मुलाकात कर समस्याओं को जानने का प्रयास किया था। इस अवसर पर अन्य अधिकारियों के अलावा जिला उपायुक्त कृत्तिका ज्योत्सना भी थीं। वानी मोहल्ला, सफापोरा के रहने वाले सज्जाद रशीद सोफी एक सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य की हैसियत से सलाहकार खान से मिले थे। उन्होंने सलाहकार से कहा था कि आप कश्मीरी हैं और हमें व यहां के हालात को अच्छी तरह से समझते हैं, मैं आपका कॉलर पकड़कर आपसे जवाब मांग सकता हूं, लेकिन मैं गैर रियासती अधिकारियों से क्या उम्मीद रखूं। उसकी बात जिला उपायुक्त कृत्तिका ज्योत्सना को आपत्तिजनक लगी और उन्होंने उसी समय उन्हेंं टोक दिया।

आगे का वाकया यह है कि दोपहर बाद सज्जाद रेशी सोफी जब अपने घर पहुंचा तो पुलिस थाने से फरमान आ गया कि एसएसपी साहब के सामने हाजिर होना है। एसएसपी कार्यालय में वह पहुंचे तो रात साढ़े आठ बजे वहां से छूटे। बात यहीं नहीं थमी, करीब डेढ़ घंटे बाद उसे सफापोरा पुलिस स्टेशन में बुला लिया गया, जहां उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज हो गई। तीन दिन तक उसे सफापोरा पुलिस स्टेशन की हवालात में रखा गया। बताया जा रहा है कि उसके खिलाफ जिला उपायुक्त की शिकायत पर ही आइपीसी की धारा 153 के तहत मामला दर्ज किया गया। उस पर धर्म, जाति, वर्ग, भाषा, जन्म इत्यादि के भेद पर विभिन्न वर्गों में तनाव और दुश्मनी पैदा करने के आरोप में मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की गई।

अदालत से जमानत, पर नहीं हुई रिहाई: सज्जाद रशीद सोफी के स्वजन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और 12 जून को उन्हें चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट गांदरबल ने 21 जून, 2021 तक अंतरिम जमानत प्रदान कर दी। अदालत के आदेश के बावजूद पुलिस ने उसे रिहा नहीं किया और उसे आइपीसी की धारा 107 और 151 के तहत हिरासत में ले लिया। इन धाराओं के तहत किसी भी व्यक्ति को कानून व्यवस्था भंग किए जाने की आशंका के आधार पर एहतियातन हिरासत में लिया जा सकता है। परंतु बढ़ता जनाक्रोश देख आज सुबह उसे रिहा कर दिया गया।

  • यह तो सत्ता का सीधा दुरुपयोग है। अगर उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा शुरू किए जनपहुंच कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान इस तरह की घटनाएं होंगी तो कौन जनता दरबार में आएगा। इससे लोगों में डर पैदा होगा। अक्सर लोग जनता दरबार में उसी अधिकारी के साथ खुद को सहज महसूस करते हैं जो उनकी भाषा और संस्कृति से जुड़ा हो। अगर सज्जाद रशीद सोफी की बात से भड़क कर एक जिला उपायुक्त ने मामला दर्ज कराया है तो आप उस अधिकारी की रवैये और सोच का खुद अंदाजा लगा सकते हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को खुद इस मामले का संज्ञान लेते हुए सोफी को रिहा कराना चाहिए। – मोहम्मद यूसुफ तारीगामी, माकपा
  • एक व्यक्ति का यह कहना कि उन्हेंं बाहर से नहीं, बल्कि स्थानीय अधिकारियों से ज्यादा उम्मीदे हैं, किसी भी तरह उनकी गिरफ्तारी का आधार नहीं बनता। मुझे आज तक किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए इससे ज्यादा बुरा कारण नहीं मिला है। मुझे लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने के आधार पर हिरासत में रखा गया और अब किसी को बोलने पर। यह पूरी तरह अस्वीकार्य है कि किसी व्यक्ति को उसकी पूरी तरह हानिकारक अभिव्यक्ति के लिए जेल में डाला जाए। जब नौकरशाही बेलगाम हो जाए, उसे जरूरत से ज्यादा अधिकार मिल जाए तो यही सब होता है। -उमर अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष