आइआइएम इंदौर एफटी रैंकिंग में शीर्ष 100 पर, भारत में चौथे पायदान पर
इंदौर। एनआइआरएफ और क्यूएस रैंकिंग के बाद दुनियाभर के बिजनेस स्कूलों के जारी होने वाली फाइनेंशियल टाइम्स (एफटी) रैंकिंग में भी भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) इंदौर us बढ़त पाई है। शीर्ष 100 संस्थान में संस्थान बनाई है। भारत के मैनेजमेंट संस्थानों में आइआइएम इंदौर चौथे और आइआइएम की श्रेणी में देश का तीसरे स्थान का संस्थान बन गया है।
हाल ही में एनआइआरएफ रैंकिंग में भी संस्थान एक पायदान ऊपर हुआ है। संस्थान सावतें से छठवीं रैंक पर पहुंच गया है। क्यूएस रैंकिंग में भी संस्थान एशिया में 25वीं और देश के आइआइएम की श्रेणी में पांचवें नंबर पर रहा है। आइआइएम इंदौर को प्रबंधन श्रेणी में मास्टर आफ मैनेजमेंट के तहत अपने पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (पीजीपी) के लिए एफटी रैंकिंग में शीर्ष 100 में जगह मिली है।
आइआइएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय का कहना है कि संस्थान अक्टूबर में 25 वर्ष पूर्ण करने जा रहा है। इस समय क्यूएस रैंकिंग में भी हमने एशिया में 25वां स्थान हासिल किया है। अब हमार लक्ष्य एफटी रैंकिंग में टाप 50 संस्थानों में शामिल होना है। मेहनत और लगत से ऐसा करना संभव हो पा रहा है। हम विश्व रैंकिंग में दुनिया में शीर्ष 200 और भारत में पांचवें और आइआइएम श्रेणी में चौथे स्थान पर है।
एफटी रैंकिंग होने के पीछे विद्यार्थियों का बेहतर करियर, विविधता, अंतरराष्ट्रीय अनुभव और अनुसंधान, नामांकित प्रतिभागियों की संख्या, कंपनी इंर्टनशिप, औसत पाठ्यक्रम का समय और अन्य बातों को ध्यान में रखा गया है। क्यूएस रैंकिंग की बात करें तो छह बातों को ध्यान में रखा गया।
शैक्षणिक प्रतिष्ठा, नियोक्ता प्रतिष्ठा, विद्यार्थी अनुपात, प्रति संकाय उद्धरण, अंतरराष्ट्रीय संकाय अनुपात और अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी अनुपात को ध्यान में रखा गया है। इसके अलावा थाट लीडरशिप, रिटर्न आन इन्वेस्टमेंट, उद्यमिता और पूर्व विद्यार्थियों के परिणाम देखे गए हैं। रोजगार और विविधता भी शामिल है। आइआइएम इंदौर देश में रिटर्न आन इन्वेस्टमेंट के मामले में तीसरे स्थान पर है।