13 घंटे चली 14वें दौर की सैन्य वार्ता, भारत ने ‘हॉट स्प्रिंग्स’ से चीनी सैनिकों के पीछे हटाने पर दिया जोर
भारत और चीन के बीच बुधवार को 14वें दौर की सैन्य वार्ता हुई जो कि 13 घंटे तक चली। सूत्रों के मुताबिक इस वार्ता में पूर्वी लद्दाख में टकराव के शेष स्थानों यानि कि ‘हॉट स्प्रिंग्स’ से सैनिकों को पीछे हटाने पर जोर दिया गया है। यह वार्ता बुधवार सुबह साढ़े नौ बजे शुरू हुई और रात 10.30 बजे खत्म हुई। इस मीटिंग में 14 कोर के नए प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व किया तो वहीं चीनी पक्ष का नेतृत्व दक्षिण शिंजियांग सैन्य जिले के चीफ मेजर जनरल यांग लिन ने किया।
बता दें कि वार्ता ऐसे वक्त में हुई है, जब चीन की ओर से बार्डर पर पैंगोंग त्सो झील पर पुल बनाने की बात सामने आई है। दरअसल हाल ही में सेटे लाइट तस्वीरों में देखा गया है कि चीन पैंगोंग झील के अपने कब्जे वाले क्षेत्र में पुल का निर्माण कर रहा है।
इस बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा था कि इस पुल का निर्माण उस इलाके में हो रहा है, जो करीब 60 साल से चीन के अवैध कब्जे में हैं। भारत की पूरी नजर चीन की हरकतों पर हैं। मालूम हो कि ‘हॉट स्प्रिन्ग’ चीन के साथ मौजूदा विवाद का वो अंतिम क्षेत्र है जिसपर दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई है। भारत और चीन के बीच अब तक हुई वार्ता से पैंगोंग क्षेत्र और गोगरा हाइट्स के मुद्दों को सुलझाने में मदद तो मिली है लेकिन मामला अभी तक सुलझा नहीं है।