कोरोना काल में खान-पान पर विशेष ध्यान दें महिलाएं: डा. कालवीट
बिलासपुर। कोरोना काल में महिलाओं के लिए जिम्मेदारियां ज्यादा बढ़ गई हैं। दरअसल उन्हें खुद के साथ ही परिवारजनों को भी स्वस्थ व सुरक्षित रखना है। ऐसे में उन्हें अपने किचन में उपलब्ध रोग प्रतिरोधक वस्तुओं का अधिक से अधिक उपयोग करना है
स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. सुभदा कालवीट का कहना है कि कोरोना से बढ़ते प्रकोप से बचाने के लिए घर-परिवार में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्हें घर में सैनिटाइजर के साथ ही मास्क का उपयोग करना चाहिए। इसके साथ ही घर में भी शारीरिक दूरी के नियमों का भी पालन करना जरूरी है। आमतौर पर महिलाओं पर ही समाज व परिवार की ज्यादा जिम्मेदारी रहती है।
क्योंकि परिवारजनों के खान पान व रहन सहन का ध्यान उन्हें ही रखना पड़ता है। उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में महिलाओं को अपने किचन में उपलब्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली वस्तुओं का अधिक से अधिक उपयोग करना है। इसके लिए अलग से कोई विशेष दवाइयां लेने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
बाहर निकलने पर बरतें सावधानी
डा. कालवीट कहती हैं कि गर्भवती महिलाएं अपने घरों में ही ज्यादा सुरक्षित रहें। उन्हें बार-बार चिकित्सक के पास या अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं है। गर्भवती महिलाओं को अपने डाक्टर से फोन से ही सलाह लेना बेहतर है। वर्तमान स्थिति में उन्हें सभी जरूरी दवाइयां पहले से ही रख लेनी चाहिए। सोनोग्राफी के लिए बाहर निकल रही हैं तो सतर्कता व सावधानी बहुत आवश्यक है।
सतर्कता के साथ बच्चों को पिलाएं दूध
उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने बच्चों को दूध पिलाते समय भी विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। बच्चों को गोद में लेते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। हो सके मास्क के साथ-साथ ग्लब्स लगाए। या फिर हाथ को साबून से धोकर दूध पिलाएं।
घर में रहकर ज्यादा सुरक्षित हैं मरीज
डा. कालवीट ने बताया कि कोरोना संक्रमित होने पर घर में आइसोलेट होकर उपचार करना ज्यादा बेहतर है। ज्यादातर केस में मरीज घर में ही सुरक्षित रह कर कोरोना से निजात पा रहे हैं। होम आइसोलेट मरीजों को प्रोटोकाल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। महिलाएं संक्रमित हैं तो उन्हें आइसोलेट कर परिवार के पुस्र्ष सदस्य उनकी मदद कर दीनचर्या को व्यवस्थित कर सकते हैं।