कोरोना संक्रमण रोकने के लिए शिप्रा नदी के सभी घाटों पर उत्तर विधान कार्य बंद
उज्जैन। मध्यप्रदेश की धर्मधानी उज्जैन में बहती मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के घाटों पर शुक्रवार से मरणोपरांत होने वाला उत्तर विधान कार्य नहीं किया जाएगा। कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने को प्रशासनिक आदेश जारी होने के बाद कर्मकांड करने वाले पंडे-पुरोहितों की शाखा श्री क्षेत्र पंडा समिति ने उत्तर विधान कार्य करने से इंकार कर दिया है। एक अपील जारी की है कि जब तक उज्जैन कोरोना मुक्त नहीं हो जाता, यहां न आएं। अपने ही गांव या गृह नगर में जो सुविधाजनक स्थान हों, वहां उत्तर विधान कार्य करवा लें।
मालूम हो कि हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में प्रमुख अंतिम संस्कार के बाद उत्तर विधान कार्य की परंपरा है। इसके पालनार्थ लोग अपने पूवर्ज की आत्मशांति के लिए उनकी अस्थियों का विसर्जन करने और पिंडदान करने देशभर से उज्जैन आते हैं। क्योंकि सप्तपुरियों में उज्जैन को उत्तर विधान कार्य करने के लिए पवित्र माना गया है।
यही वजह है कि यहां शिप्रा किनारे सिद्धवट, गयाकोटा और रामघाट पर पूरे साल उत्तर विधानकार्य कराने वालों का मेला सा लगा रहता है। अभी कोरोना कर्फ्यू में भी प्रतिबंध के बावजूद यहां करीब 1200 लोग रोज उत्तर विधान कार्य कराने आ रहे थे, पर मई के बीते तीन दिनों में कोरोना की लहर जिस प्रकार तेज हुई है, उससे सभी पंडे-पुरोहित घबरा गए हैं।
नतीजतन उन्होंने उत्तर कार्य न करने का फैसला ले लिया। कहा कि घाट पर आने वाला कौन संक्रमित हैं और कौन नहीं, यह पहचान पाना मुश्किल है। संक्रमण और अधिक न फैले, इसलिए उत्तर विधान कार्य फिलहाल न करने का फैसला लिया है। मामले से प्रशासन को भी अवगत करा दिया है। इंटरनेट वीडियो के माध्यम से उत्तर कार्य करने की सुविधा प्रारंभ रखी है। यजमान चाहे तो पुरोहितों को वीडियो काल कर अपने गृह क्षेत्र में ही उत्तर विधान कार्य करवा सकते हैं।
इनका कहना
उज्जैन कोरोना मुक्त नहीं हो जाता, तब तक के लिए शिप्रा के त्रिवेणी घाट से कालियादेह महल घाट तक उत्तर विधान कार्य बंद रखने का फैसला सभी पंडे-पुजारियों की राय लेकर लिया है। अब यदि कोई तीर्थ पुरोहित यह कार्य करता है तो यह उसकी स्वयं की जिम्मेदारी होगी।
-राजेश त्रिवेदी, अध्यक्ष, श्री क्षेत्र पंडा समिति
वैवाहिक कार्यक्रमों पर भी है प्रतिबंध
कोरोना संक्रमण रोकने को प्रशासन ने यहां वैवाहिक कार्यक्रमों पर भी प्रतिबंध लगा रखा है। कलेक्टर आशीष सिंह ने इस संबंध में सभी होटल, धर्मशाला, मैरिज गार्डन संचालकों को निर्देशित किया है कि वे विवाह समारोह के संबंध में लिया एडवांस पैसा संबंधित को लौटा दें।