एक सप्ताह बढ़ सकता लॉकडाउन, रोजाना की संक्रमण दर ज्यादा
नई दिल्ली। दिल्ली में जारी कोरोना के कहर के चलते 20 अप्रैल से चल रहा लाकडाउन एक सप्ताह के लिए और बढ़ सकता है। अभी 10 मई सुबह पांच बजे तक लाकडाउन जारी है। मगर दिल्ली के हालात देखते हुए इसे एक सप्ताह और बढ़ाए जाने पर विचार चल रहा है। लोगों की परेशानी को देखते हुए इस दौरान पूर्व की तरह कुछ मामलों में छूट जारी रहेगी। जिसमें कोरियर सेवा, इलेक्टि्रशियन, प्लंबर व वाटर प्यूरिफायर से संबंधित लोगों को काम करने की छूट दी गई है। इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई से संबंधित किताबों की दुकानें व बिजली के पंखों से संबंधित दुकानें भी खुली रहेंगी। आवश्यक सामान की ढुलाई करने वाले ट्रकों व खाली ट्रकों की आवाजाही पर भी रोक नहीं होगी लेकिन इन ट्रकों को ई-पास दिखाना होगा।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ ने कहा कि राजधानी में कोरोना स्थिति का जायजा लेने पर पाया गया कि प्रतिदिन अभी कोरोना की संक्रमण दर ज्यादा है। कोरोना मरीजों के लिए सरकारी व निजी अस्पतालों में आइसीयू बेड नहीं हैं। कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए व संक्रमण रोकने के लिए लाकडाउन को एक सप्ताह के लिए बढाया जाना चाहिए। बता दें कि दिल्ली में जारी कोरोना के कहर के चलते लाकडाउन 20 अप्रैल से चल रहा है। पहले इसे 26 अप्रैल, फिर तीन मई सुबह तक के लिए बढ़ाया गया था। उसके बाद इसे 10 मई सुबह पांच बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया था।
उधर चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) ने बताया कि दिल्ली के 65 फीसद व्यापारी लाकडाउन बढ़ाने के पक्ष में है। इस संबंध में 480 व्यापारी व औद्योगिक संगठनों की राय ली गई है। कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए 20 अप्रैल से दिल्ली में लाकडाउन लगा हुआ है, जिसे दिल्ली सरकार की ओर से हर सप्ताह बढ़ाया जा रहा है।सीटीआइ के चेयरमैन बृजेश गोयल व अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण की दर और स्वास्थ्य ढांचे में बड़ा सुधार नहीं आया है। इसलिए अधिकांश इसके बढ़ाए जाने के हक में है।
सीटीआइ ने 480 से ज्यादा व्यापारी संगठनों से रायशुमारी की। इसमें कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, चावड़ी बाजार, सदर बाजार, खारी बावली, करोलबाग, कमला नगर, राजौरी गार्डन, नेहरू प्लेस, साउथ एक्स, गांधी नगर, लक्ष्मी नगर, रोहिणी, पीतमपुरा, जनकपुरी, मालवीय नगर, द्वारका व ग्रेटर कैलाश जैसे बड़े बाजारों के संगठनों के साथ उद्योग, होटल व रेस्त्रां व ब्यूटी-वेलनेस संगठनों के पदाधिकारी भी शामिल थे।