बर्खास्त व जेल में बंद निरीक्षक भी पदोन्नति की ‘राह’ पर
इंदौर। पुलिस मुख्यालय (प्रशासन) ने कार्यवाहक डीएसपी के लिए जिन निरीक्षकों की गोपनीय रिपोर्ट मांगी उनमें से कई बर्खास्त हो चुके हैं। कुछ जेल में हैं और कुछ पूर्व में ही डीएसपी के लिए चयनित कर लिए गए। यह खुलासा चयनित निरीक्षकों की सूची सार्वजनिक होने पर हुआ है। सूची में लगभग 40 निरीक्षक इंदौर में पदस्थ हैं जिन्हें पदोन्नति का इंतजार है। डीआइजी (प्रशासन) ने प्रदेश के समस्त आइजी, डीआइजी और एसपी को सूची जारी कर डीएसपी (कार्यवाहक) के पद पर पदोन्नात होने पर निरीक्षकों की जांच, लंबित अपराध, वेतनमान और विभागीय कार्यवाही जैसे 13 बिंदुओं पर गोपनीय रिपोर्ट मांगी है। पदोन्नति की राह देख रहे निरीक्षकों ने सूची में गोलमाल का आरोप लगाकर आपत्ति दर्ज करवाई है। आरोप है कि शामिल कई निरीक्षक ऐसे हैं जिन्हें विभाग में न होने के बाद भी सूची में शामिल कर लिया गया।
नाम न छापने की शर्त पर अफसरों ने बताया कि निरीक्षक शेरसिंह बड़ौनिया को अनिवार्य सेवानिवृत्ति ले चुके हैं। इसी प्रकार निरीक्षक प्रेमप्रकाश मुद्गल विभागीय जांच के बाद बर्खास्त हो चुके हैं। धार और देवास जिले में पदस्थ दो निरीक्षक तो जेल में बंद हैं जबकि जांच, सेवानिवृत्ति, बर्खास्तगी की 24 घंटे में पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट पहुंचा दी जाती है।
इंदौर के 40 निरीक्षक बन सकते हैं डीएसपी
सबकुछ ठीक रहा तो जिला पुलिस बल, लोकायुक्त, एसटीएफ, इओडब्ल्यू, पीटीसी सहित इंदौर में विभिन्ना इकाइयों में पदस्थ करीब 40 निरीक्षकों को डीएसपी (कार्यवाहक) बनने का मौका मिल सकता है। हालांकि इसमें भी एक गंभीर लापरवाही यह है कि जो निरीक्षक मई 2021 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं उनके संबंध में भी जानकारी मांगी है। डीआइजी मनीष कपूरिया के मुताबिक सूची मुख्यालय से जारी होती है। एसआरसी शाखा चरित्रावली देखकर ही रिपोर्ट बनाती है।
निरीक्षक नहीं बनना चाहते डीएसपी
पदान्नति का प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने से सरकार ने पुलिस रेगुलेशन में संशोधन कर वरिष्ठता के आधार पर कार्यवाहक डीएसपी बनाने का रास्ता निकाला है। हालांकि निरीक्षक से डीएसपी के पद पर पदोन्नत होने के बाद भी न वेतन बढ़ेगा, न सीआर में डीएसपी का दर्जा दर्ज होगा। ऐसे में कई निरीक्षक डीएसपी बनने के पक्ष में नहीं हैं। थाना प्रभारी के कई फायदे हैं, जिसमें सबसे अहम मन माफिक पोस्टिंग भी है।