गंभीर मरीजों के लिए आइसीयू और वेंटिलेटर की कमी
बिलासपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारी, जिला और शहर अध्यक्षों से वर्चुअल चर्चा की। इसमें कोविड-19 के प्रभाव, रोकथाम, स्वास्थ्य सेवा, मरीजाें को होने वाली परेशानी और खामियों को दूर करने सुझाव और क्रियान्वन पर बात की। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया भी शामिल हुए। इस दौरान शहर में आइसीयू और वेंटिलेटर की कमी होना बताया गया।
वर्चुअल चर्चा में शहर से प्रदेश उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, शहर अध्यक्ष प्रमोद नायक जुड़े और यहां की स्थिति से अवगत कराया। इन्होंने बारी बारी से अपने विचार रखे और बताया कि बिलासपुर संभाग होने के कारण रायगढ़, कोरबा, मुंगेली,जांजगीर-चांप, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही और शहडोल,अनूपपुर सहित आसपास से बड़ी संख्या में कोविड मरीज आ रहे हैं।
इसके कारण जिला अस्पताल और सिम्स में काम का दबाव बहुत ज्यादा था। कुछ दिनों से कोविड सेंटर बढ़ने और निजी अस्पतालों में भी बेड बढ़ने के साथ ही आक्सीजन की उपलब्धता बढ़ने से मरीजों को राहत मिल रही है। शहर में गंभीर मरीजाें के लिए आइसीयू और वेंटीलेटर की कमी है। इसे बढ़ाया जाए। वहीं आयुष्मान और खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सेवा को सभी निजी हास्पिटल में लागू लिया जाए। ताकि गरीबों का इलाज सही ढंग से हो सके।
उन्होंने कहा बिलासपुर में कोविड मरीजोें की संख्या में पिछले दो दिनों में कमी आई है। औसत 1200 मिलते थे, अब 600 के आसपास ही मिल रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को शहर कांग्रेस,नगर निगम और ब्लाक कांग्रेस द्वारा किए जा रहे मदद की भी जानकारी दी। बताया गया कि सूखा राशन, मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करने,आक्सीजन की व्यवस्था या अन्य आवश्यकताओं के लिए सहायता कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने सारी बातों को गंभीरता से सुना और कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार तीसरी लहर से निपटने तैयारी शुरू कर दी है। इसमें बधाों के बचाव और रोकथाम को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार अब कस्बाई क्षेत्रों में भी 20-30 बेड की व्यवस्था कर रही है। आइसीयू, वेंटीलेटर और स्वस्थ्य योजना के विस्तार के सुझाव पर काम की जाएगी।