कोविड के कारण नहीं मिलने दिया, फोन पर कराई जाएगी बात; थर्ड जेंडर ने पेड़ों को बांधी राखी
रायपुर: जेल में बक्से में बंद रखियां।रायपुर में रक्षाबंधन के बीच त्योहारी छुट्टी की खुमारी देखने को मिल रही है। बहुत से बाजार गुरुवार को बंद नजर आए। कपड़े मिठाई और फैंसी राशियों की दुकानें ही खुली दिखीं। इसके अलावा बड़ी तादाद में महिलाएं रायपुर के जेल परिसर पहुंचीं। दरअसल हर साल यहां महिलाएं पहुंचती हैं जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बांधने।कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए महिलाओं को भाइयों से मिलने नहीं दिया गया। जेल परिसर के भीतर ही एक काउंटर बनाया गया था, जहां महिलाएं अपनी राखी जमा करवा रही थीं। जेल कर्मचारियों ने राखी रिसीव की, महिला का नाम और उसके भाई का नाम रजिस्टर में दर्ज किया। फिर सैनिटाइज कर भाइयों तक पहुंचाई गईं। अधिकारियों ने बताया कि सभी कैदियों को उनकी बहनों या परिजनों से फोन के माध्यम से बात करवाई जाएगी।थर्ड जेंडर समुदाय ने पेड़ को बांधी राखी।थर्ड जेंडर ने दिया सेव नेचर का संदेशगरिमा गृह सरोना के पास तृतीय लिंग समुदाय के लोगों ने पेड़ पौधों को तिलक लगाया प्रणाम किया और राखी बांधी। पेड़ पौधों की सुरक्षा करने के लिए सभी ने वचन दिया। छत्तीसगढ़ मितवा संकल्प समिति की सचिव रवीना बरीहा ने कहा की हमें प्रकृति की हर परिस्थिति में संरक्षण करना होगा तभी हम बीमारियों से बच सकते हैं। बिंदिया ने बताया कि मितवा समिति तृतीय लिंग व्यक्तियों का सामुदायिक संगठन है। समिति के सदस्य हर साल रक्षाबंधन के दिन प्रकृति को अपना भाई मानकर यह त्यौहार मनाते हैं।