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पोस्ट ऑफिस से मिलने वाले झंडे डिफेक्टिड, डीसी बोले – यह केंद्र सरकार की तरफ से ही भेजे गए

अमृतसर: 75वें स्वतंत्रता दिवस को अमृत महोत्सव के तौर पर मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने हर घर तिरंगा फहराने के लिए कहा है। आम जनता पोस्ट ऑफिसों से तिरंगा ले रहे हैं। लेकिन पोस्ट ऑफिस से मिलने वाले अधिकतर तिरंगे डिफेक्टिड निकल रहे हैं। इतना ही नहीं, तिरंगे के सम्मान की बात करें तो शहर में विभिन्न जगहों पर तिरंगा लगाया तो जा रहा है, लेकिन मर्यादा को फॉलो नहीं किया जा रहा।केंद्र सरकार ने खुद डिफेक्टिड या क्षतिग्रस्त तिरंगा ना फहराने की सलाह दी है।अमृतसर के बटाला रोड पर रहने वाले सौरव सहगल ने बताया कि उन्होंने पोस्ट ऑफिस से 25 रुपए में तिरंगा खरीदा था। तिरंगा घर आकर देखा तो डिफेक्टिड था। अशोका चक्र जो भारतीय व मनुष्य के गुणों को दर्शाती हैं, को ही सही नहीं लगाया गया। वह कभी ऐसा तिरंगा नहीं फहराना चाहेंगे। फिलहाल उन्होंने तिरंगे को संभाल लिया है, ताकि उसे ठीक करके ही फहराया जाए। वहीं उन्होंने केंद्र सरकार से तिरंगा मुफ्त में देने की अपील भी की।सुशील भंडारी की तरफ से खरीदा गया तिरंगा, जिसे उन्होंने वापस कर दिया।पोस्ट ऑफिस को लौटाया तिरंगाविजय नगर में रहने वाले सुशील भंडारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात सुनकर वह विजय नगर पोस्ट ऑफिस से दो तिरंगे लेकर आए थे। लेकिन दोनों ही तिरंगों में अशोका चक्र की गलती दिखी। जिसके बाद उन्होंने दोनों ही तिरंगे पोस्ट ऑफिस को लौटा दिए। वह कभी नहीं चाहेंगे कि ऐसा तिरंगा फहरा कर उसका अपमान करें।हथौड़ा मार कर ध्वजारोहन करते हुए नगर निगम के कर्मचारी।सरकार खुद भूल रही मर्यादाप्रधानमंत्री के कहने पर पूरे देश में हर जगह तिरंगा लगाने की मुहीम छेड़ी गई है। अमृतसर का नगर निगम भी हर चौक-चौराहे पर तिरंगा लगा रहा है। लेकिन इस बीच वे मर्यादा को भूल रहे हैं। कुछ जगह तो नगर निगम के दर्जाचार कर्मचारी हथोड़ों के साथ झंडा फहराते दिखे।केंद्र सरकार द्वारा दिए गए तिरंगे ही दिए जा रहेडीसी अमृतसर हरप्रीत सिंह सूदन ने बताया कि अमृतसर में हर सरकारी कार्यालय में तिरंगे को दिया जा रहा है। पंजाब सरकार के कार्यालयों में 90 प्रतिशत तिरंगे केंद्र सरकार और 10 प्रतिशत तिरंगे स्वयं सेवी संस्थाओं की तरफ से दिए गए हैं। स्वयं सेवी संस्थाओं की तरफ से दिए गए सभी तिरंगों को चैक किया गया है। वहीं दूसरी तरफ, पोस्ट ऑफिस में मिलने वाले सभी तिरंगे केंद्र सरकार द्वारा ही दिए गए हैं।मानकों के अनुरूप खरीदें तिरंगा और मान-सम्मान के साथ फहराएंमेजर (रि.) दिनेश शर्मा, फाउंडर डायरेक्टर, एकेडमी ऑफ पेस्ट्री एंड कलिनरी आट्‌र्स गुड़गांव के अनुसार पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। यह सौभाग्य किसी की भी जिंदगी में सिर्फ एक बार आता है। ऐसे में हमारी आन, बान, शान का प्रतीक तिरंगा खरीदते या उसका इस्तेमाल करते समय हम सभी को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।प्रधानमंत्री मोदी के ‘हर घर तिरंगा कैंपेन’ के आह्वान के बाद तकरीबन हर ट्रैफिक सिग्नल पर तिरंगा बेचा जा रहा है, लेकिन क्या यह असल में भारतीय झंडा है? नहीं, ये सब तिरंगा की एक बेकार सी नकल हैं? भारतीय झंडा तिरंगा मानकों के अनुरूप ही होना चाहिए जैसा कि नेशनल फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002 में इसका प्रावधान किया गया है। तिरंगा कॉटन या सिल्क का होना चाहिए, यहां तक कि हालिया संशोधन के बाद अब पॉलिस्टर भी मान्य है। झंडा 3 गुणा 2 के रेशियो में होना चाहिए यानी लंबाई 2 फीट है तो चौड़ाई 3 फीट होनी चाहिए। अफसोस है कि रोड साइड या ट्रैफिक सिग्नल्स पर मिलने वाले झंडे ऐसे नहीं हैं। उनकी सिलाई और क्वालिटी खराब होती है। इसलिए तिरंगा खरीदते समय इसका ध्यान रखें, अधिकृत एजेंसियों से खरीदना सही रहेगा। तिरंगा फहराएं भी जरूर, बस पूरे मान-सम्मान के साथ।