वर्क फ्रॉम होम के कारण महिलाओं के ऊपर पड़ रही दोहरी जिम्मेदारी
जबलपुर। इन दिनों लाकडाउन के कारण ज्यादातर दफ्तरों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दे दी है। ऐसे में पुरुष तो इसमें काफी सहज महसूस कर रहे हैं, लेकिन महिलाओं की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। कामकाजी महिलाओं पर इन दिनों दोहरी जिम्मेदारी पड़ रही है। जिससे वे एक मानसिक तनाव को झेल रही हैं। वर्क फ्रॉम होम और वर्क फॉर होम में फंसी महिलाओं को पूरे दिन का पता ही नहीं चलता कि कब दिन शुरू होता है और कब समाप्त हो जाता है। इन दोनों के बीच ही उन्हें तालमेल बैठाने में काफी मुश्किल हो रही है। इस समय पर दोनों ही काम बेहद जरूरी है। परिवार की जिम्मेदारी और दफ्तर का काम एक साथ घर पर करना एक बड़ी चुनौती की तरह है। ऐसे में महिलाओं को भी सहज महसूस कराने के लिए बच्चों व अन्य सदस्यों को कामकाज में सहायता करना चाहिए। इससे महिला का भार कम होगा और वे भी अपने लिए समय निकाल पाएंगी।
घर से दफ्तर का काम करना है मुश्किल: बैंक में नौकरी करने वाली प्रतिभा मिश्रा ने बताया कि घर से दफ्तर का काम करना बहुत ही मुश्किल है। जब आप घर से ऑफिस के लिए निकलते हो तो आपका माइंड सेट होता है कि आपको आठ घंटे सिर्फ दफ्तर का ही काम करना है, लेकिन जब आप घर में रहते हो तो दफ्तर के काम के लिए समय निकालना मुश्किल होता है। आपको घर पर रहते हुए बच्चों का ध्यान रखना होता है पूरे परिवार की जिम्मेदारी लेनी पड़ती है। इससे हर वक्त एक मानसिक तनाव बना रहता है कि जल्दी से काम पूरा करके दफ्तर का काम करना है और जब दफ्तर का काम करने बैठों तब घर के सदस्यों को कोई जरूरत है तो उसे भी हमें ही पूरा करना होता है। किसी की भी सहायता न मिलने से हर वक्त काम का दबाव महसूस होता है।
जिम्मेदारियों को बांटे है तनाव मुक्त रहें : मनोवैज्ञानिक डॉ.रजनीश जैन ने बताया कि ये समय महिलाओं के लिए भी काफी कठिन समय है। उन्हें भी खुश रहने का मौका घर के ही सदस्य दे सकते हैं। इसके लिए सभी सदस्यों को एकजुट होकर जिम्मेदारियों को बांटना चाहिए ताकि किसी एक पर काम का दबाव न पड़े। हर किसी का अपने कार्य क्षेत्र की अहमियत है। जिसे तवज्जो देना अपनों की ही जिम्मेदारी है। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को अपने हिसाब से घर की महिला की काम में मदद करनी चाहिए। ये एक अच्छी पहल साबित होगी।