ब्रेकिंग
ग्राम दामाखेड़ा आश्रम :- घटना में शामिल 16 आरोपियों की गिरफ्तारी एवं 01 किशोर बालक के विरुद्ध विधिवत कार्रवाई ग्राम दामाखेड़ा आश्रम:- घटित घटना में शामिल 16 आरोपियों की गिरफ्तारी एवं 01 किशोर बालक के विरुद्ध विधिवत कार्रवाई हटिया विधान सभा में कॉंग्रेस की जीत सुनिश्चित हो रही है-सुशील शर्मा जिला बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस द्वारा अवैध रूप से डंप किया गया भारी मात्रा में शराब का जखीरा किया गया बरामद थाना हथबंद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम केसदा मे... क्षेत्रीय विधायक इन्द्र साव ने रावणभाठा स्थित दशहरा मैदान के मुख्यमंच से नगर वासियों और क्षेत्रवासियो को विजयादशमी पर्व की बधाई दी विधायक इंद्र साव के प्रयास से भाटापारा राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा विधायक के प्रस्ताव को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दी स्वीकृति सुशील शर्मा को आगामी झारखंड प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने हटिया विधान सभा क्रमांक 64 का पर्यवेक्षक नियुक्त किया जिला बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस द्वारा रोड में खड़ी ट्रकों के पहिए चोरी करने वाले गिरोह का किया गया पर्दाफाश पुलिस द्वारा ट्रकों के पहिए व बैटरी जैक च... खड़ी ट्रैकों में हो रही लगातार चोरी से परेशान भाटापारा ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन द्वारा विरोध प्रदर्शन पद यात्रा करते हुए शहर थाने में ज्ञापन सौंपा गया भाटापारा में ब्राउन शुगर का कारोबारी गिरिफ़्तार,ड्रग्स विभाग निष्क्रिय,युवाओं का भविष्य अंधकार में ,गृह मंत्री त्यागपत्र देवे—सुशील शर्मा

वाणी का शरीर पर प्रभाव  

प्रसन्नता से होता है शरीर पुष्ट एवं प्रोध से होती है हानी  मानव शरीर में अनेक ग्रंथियां होती हैं,पियूष ग्रंथि मस्तिष्क में होती है, उससे 12 प्रकार के रस निकलते है, जो भावनाओं से विशेष प्रभावित होती हैं। जब व्यक्ति प्रसन्नचित होता है, तो इन ग्रनथियों से विशेष प्रकार के रस बहने लगते है, जिससे शरीर पुष्ट होने लगता है, बुद्धि विकसित होती है, रक्त गति सामान्य रहती है। जब मनुष्य अधिक बोलता है, तो रक्त की गति अनावश्यक प्रभावित होती है। जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है,खून के थक्के बनने लगते है । इसी प्रकार प्रोध अधिक करने से खून का बहाव कम हो जाता है, खून जमने की शक्ति बढ़ जाने से मृत्यू भी संभव है। अपने जीवन में ज्यादा बोलना अभिशाप हो सकता है। अधिक बोलने से पाचन क्रिया पर गलत प्रभाव पड़ता है, शरीर की अधिक शक्ति खर्च होती है, पेट की माँसपेशियां खिचने लगती है, पाचन रस ग्रंथियों से नही निकलता, शरीर में विटामिन, खनिज तत्व एवं हार्मोन्स की कमी  हो जाती हैं। शरीर रोगी हो जाता है, मानसिक दुर्बलता आ जाती है, स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है, याददाश्त कमजोर हो जाती है, अत:वाणी का प्रभाव शरीर पर पड़ता है। हर प्राणी को अपना जीवन झूठा, बनावटी, जोर जोर से बोलने बाला ना बना कर शांत चित बनाना चाहिए ।