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मंच पर बैठे मंत्री परमार और सिलावट ने ऊंचे कर दिए हाथ

इंदौर: इंदौर के अहिल्याश्रम स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के 5 सहित प्रदेश के 69 सीएम राइज स्कूलों के नए भवनों का वर्चुअल भूमि पूजन किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों से जमकर पढ़ाई करने और खूब खेलने की बात कही।शिवराज ने बच्चों से करियर ओरिएंटेड बनने को कहा, साथ ही अपने जुदा अंदाज में बच्चों से जाना कि वे क्या बनना चाहते हैं। उन्होंने बच्चों से यह भी पूछा कि कौन-कौन है जो मुख्यमंत्री बनना चाहता है। जवाब में बच्चों ने फटाफट हाथ ऊपर कर दिए। इस दौरान ऐसा जोशीला माहौल बना कि स्कूली शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार भी खुद को नहीं रोक सके और ‌उन्होंने भी अपने हाथ उठा लिए। उन्हें देख मंत्री सिलावट ने भी अपना एक हाथ उठा लिया। कार्यक्रम के अलावा राजनीतिक हलकों में भी इस दृश्य की काफी चर्चा रही।मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर मंत्री इंदरसिंह परमार ने पहले अपना एक हाथ ऊंचा किया, फिर उन्होंने दोनों हाथ ऊंचे कर दिए।शिवराज ने हर प्रोफेशन का नाम लेकर बच्चों की राय जानीमुख्यमंत्री ने अपने जोशीले अंदाज में पूछा- अच्छा बताओ डॉक्टर कौन-कौन बनना चाहता है तो कुछ बच्चों ने हाथ उठाए। फिर पूछा इंजीनियर कौन-कौन बनना चाहता है तो अन्य बच्चों ने हाथ उठाए। मुख्यमंत्री ने पूछा साइंटिस्ट कौन-कौन बनना चाहता है, तो फिर कुछ बच्चों ने हाथ उठाए, लॉ कॉलेज में कौन पढ़ना चाहता है तो कई हाथ उठे।सीएम के सवाल पर परमार ने दोनों हाथ उठा लिएइसी कड़ी में जब शिवराज ने पूछा कि अच्छा बताओ मुख्यमंत्री कौन-कौन बनना चाहता है, तो भी कई बच्चों ने हाथ उठाए। यह देख मंच पर बैठे स्कूली शिक्षा मंदिर इंदरसिंह परमार ने भी अपने दोनों हाथ उठा दिए। वहीं इसी दौरान जमकर हंस रहे मंत्री तुलसी सिलावट ने भी अपना हाथ उठाया तो मंत्री परमार ने उनके हाथ को और ऊंचा कर दिया। ये देख मंच पर बैठे सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित मंचासीन सभी नेता हंस दिए।मंत्री सिलावट ने भी हाथ ऊंचा कर मुख्यमंत्री के सवाल का जवाब दिया और सीएम बनने की इच्छा जताई।सीएम बोले- आप सबमें बड़ा काम करने की क्षमता हैमुख्यमंत्री ने कहा कि जब मामा मुख्यमंत्री बन सकता है तो भांजे-भांजियां क्यों नहीं बन सकते। जरूरत है मेहनत की और लगन की। ढंग से पढ़ाई कर सब कुछ बना जा सकता है। आप में से हर एक में क्षमता है, कोई ऐसा नहीं जो बड़े से बड़ा काम ना कर सके। मैं .यह बात अंतरात्मा से कह रहा हूं। मुख्यमंत्री की इस बात पर सभी नेताओं ने भी जमकर तालियां बजाई।पूरे समय मोटिवेशनल स्पीकर जैसे नजर आए मुख्यमंत्रीशनिवार को हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एक बार फिर बच्चों के बीच मोटिवेशनल स्पीकर के अंदाज में दिखे। इसके पूर्व इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने हॉकर्स परिवार के एक बच्चे को गोद में उठाकर उसे काफी प्यार-दुलार करने के साथ संबोधित किया था। फिर इसी दिन अभय प्रशाल में बच्चों के एक कार्यक्रम में घूम-घूमकर बच्चों की हौंसला अफजाई कर फ्लाइंग किस दिए थे। इस बार पहले तो उन्होंने बच्चों के बीच जाकर जबर्दस्त पुष्प वर्षा की। फिर संबोधन के दौरान पूरे समय मंच पर घूम-घूमकर अपने स्कूली जीवन के अनुभव के साथ प्रेरक प्रसंग सुनाए। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैली में बच्चों की हौसला अफजाई करते हुए उनसे सवाल के साथ प्रति उत्तर किया। उनके इस अंदाज ने बच्चों सहित सभी को काफी लुभाया।जाते-जाते फिर माइक थामा और बोले- I Love you…मुख्यमंत्री ने बच्चों से जीवन में आगे बढ़ने के लिए कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया और कहा कि बचपन में स्वामी विवेकानंद की शिक्षा ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी। बच्चों से कहा कि मानव शरीर सिर्फ़ हाड़ मांस का पुतला ही नहीं है। ईश्वर ने हमें असीम शक्तियां और सामर्थ्य दिया है। हम सदैव आशावान रहें और कड़े परिश्रम से जीवन में नई ऊंचाई हासिल करें। बच्चों में पढ़ने-लिखने व खेलने की ललक देख वे भी खुद को नहीं रोक सके। आभार प्रदर्शन के बाद जब वे मंच से उतरने लगे तो फिर डायस तक पहुंचे व माइक थामकर कहा कि बच्चों मैं अब शिलान्यास कर जाऊंगा… आई लव यू। इस पर भी बच्चों ने उनके प्यारे मामा का तालियां बजाकर अभिवादन किया।कार्यक्रम की कुछ झलकियां- मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अपने संबोधन में इंदौर के महापौर का नाम पुष्य मित्र की जगह पुष्पेंद्र मित्र कहकर लिया। – उनके संबोधन के दौरान स्पीकर में दो मिनिट तक काफी डिस्टर्बेंस हुआ। इस पर उन्हें कहना पड़ा कि यह गड़बड़ी कहां से हो रही है। – शुरू में सभास्थल का एक आगे का हिस्सा अधिकारियों ने खाली रखा, लेकिन मुख्यमंत्री के आने के बाद भी जब वह हिस्सा खाली रहा, तो उन्होंने तुरत-फुरत स्कूली छात्राओं को आगे बुलाकर वह स्थान भरा।हाथ ऊंचे करने वाले इन मंत्रियों के बारे में भी जानिएस्कूली शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार- मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर बच्चों के साथ हाथ ऊंचा करने वाले 58 वर्षीय स्कूली शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार शुजालपुर से विधायक हैं। वे बैतूल व झाबुआ के भी प्रभारी हैं। वे किसी खेमे के नहीं है, उन्हें संघ का पूरा समर्थन है। वे एलएलबी शिक्षित हैं तथा करो़ड़ों रुपए की संपत्ति के मालिक है। परिवार का कृषि व्यवसाय है। – इसी साल वे हिजाब पर प्रतिबंध लगाने का बयान देकर विवादों में आए थे। उनका यह बयान देशभर में गरमाया था और जमकर आलोचना हुई थी। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया था, जबकि भाजपा में भी उनके इस बयान की जमकर किरकिरी हुई थी। इसके बाद उन्होंने अपने बयान पर यू टर्न लिया था और कहा था कि मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया। प्रदेश के स्कूलों में कोई नया ड्रेस कोड लागू नहीं होगा। – जनवरी 2022 में कोरोना संक्रमण के दौरान प्रदेश में स्कूल बंद ही रहने को लेकर जहां जोर दिया जा रहा था वही मंत्री परमार ने कहा था कि ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है इसलिए ऑफ लाइन पढ़ाई जारी रहेगी। जब स्थिति बिगड़ने लगेगी तो बैठक कर समीक्षा के बाद स्कूल बंद करने का निर्णय लेंगे।सिंधिया समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट- प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक है। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया के समय से ही सिंधिया खेमे से रहे हैं। कांग्रेस कार्यकाल में 1990 के दशक में वे संसदीय सचिव व तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। – सांवेर विधानसभा उनका गढ़ है। वे यहां से चार बार विधायक रह चुके हैं। 1985 में वे पहली बार विधायक बने थे। 2018 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के दौरान वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हो गए और फिर जल संसाधन मंत्री बने। – भाजपा में शामिल होने के बाद भी उनकी जुबान कई मौके पर फिसली। मई 2022 में सांवेर में आयोजित नर्मदा पेयजल योजना के कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश का मुख्यमंत्री बता दिया। उन्होंने कहा था कि ‘नर्मदा आगमन के लिए सांवेर की जनता मप्र के मुख्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को बहुत-बहुत धन्यवाद देती है।