केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के प्रयासों से रामग्राम उत्खनन का होगा अंतिम निरीक्षण।
महाराजगंज। भारत सरकार के वित्त राज्य मंत्री श्पंकज चौधरी के अथक प्रयासों से कन्हैया बाबा के स्थान रामग्राम में दिनांक 01.11.2022 को केन्द्र सरकार की पुरातत्व विभाग की लखनऊ टीम उत्खनन के अंतिम निरीक्षण हेतु जाएगी। निरीक्षण में यदि भूमि उत्खनन हेतु उपयुक्त पाई गई और भौगोलिक परिस्थितियां अनुकूल पाई गई तो जल्दी ही उत्खनन का कार्य शुरू हो जाएगा । उक्त जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि
जैसाकि सभी को विदित है कि मैंने इस विषय को न सिर्फ संसद में उठाया है बल्कि समय-समय पर मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश तथा भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्रियों के साथ भी अनेक पत्रों व व्यक्तिगत संपर्कों के माध्यम से उठाया, ताकि महाराजगंज जिले में उपलब्ध महत्वपूर्ण बौद्ध धरोहरों को प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थलों के रूप में विकसित किया जा सके । भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग, भारत सरकार की टीम को अनेकों बार अनुरोध किया कि वे रामग्राम के कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल की पहचान के लिए हवाई थर्मोग्राफी जैसी तकनीक का उपयोग करें और उनका सर्वेक्षण करें । उन्हीं के निरंतर प्रयासों के परिणाम स्वरूप भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम रामग्राम में एक ट्रायल ट्रेंच के अन्वेषण के लिए सहमति हो गई है ।
ऐतिहासिक तथ्यों से पता चलता है कि भगवान बुद्ध की मृत्यु के बाद उनके अस्थि अवशेषों को 8 भागों में बांटा गया, जिसका एक भाग स्थानीय शासक कोलियों को मिला, जिस पर उन्होंने अपनी राजधानी रामग्राम में कुषाण काल में ईटों से एक विशाल स्तूप बनवाया । स्तूप के अवशेषों की खुदाई से इस तथ्य की भी पुष्टि होने की उम्मीद है तथा बुद्ध की आस्था एवं विचारधारा में विश्वास करने वाले लोगों के लिए यह एक ऐतिहासिक स्थल की खोज होगी ।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह कार्य अब अपने अंतिम चरणों में है । इस उत्खनन से महराजगंज में बौद्ध स्मृतियों को एक प्रमुख स्थल के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा । साथ ही इसके दूरगामी परिणाम महराजगंज को विश्व पर्यटक के लिए एक प्रमुख स्थान के रूप में विकसित करने में सहायक होंगे।