महिलाओं के हक को लेकर तालिबान का यूटर्न, कहा- घरों के अंदर रहे, अपने पक्ष में दी ये दलील
वाशिंगटन। तालिबान के एक प्रवक्ता ने महिलाओं को घरों के अंदर रहने का अनुरोध किया है। तालिबान प्रवक्ता ने कहा है कि तालीबानी लड़ाकों को महिलाओं को सम्मान करने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया है। तालिबान का यह बयान ऐसे समय आया है, जब उनका संगठन यह दावा कर रहा है कि उनके शासन में महिलाओं के साथ अच्छा और शरीयत के हिसाब से व्यवहार किया जाएगा।
तालिबान राज में महिलाओं को काम करने की आजादी
गौरतलब है कि 1990 के दशक में जब तालिबान सत्ता में थे तब अफगान महिलाओं को कुछ शर्तों के साथ ही घर छोड़ने की इजाजत थी। इसका उल्लंघन करने पर महिलाओं को प्रताड़ित भी किया गया था। अफगानिस्तान में तालिबान की दूसरी पारी शुरू होने से पहले उनके नेताओं ने एक प्रेस वार्ता में जोर देकर कहा कि इस बार उनका शासन पूर्व से भिन्न होगा। प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान राज में महिलाओं को काम करने की आजादी होगी। उन्होंने कहा कि लड़कियों को स्कूल जाने की इजाजत होगी।
मुजाहिद ने महिलाओं को घरों के अंदर रहने की दलील दी
तालिबान के यह शुरुआती संकेत आशाजनक नहीं है। प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने महिलाओं को घरों के अंदर रहने की दलील दी है। प्रवक्ता, जबीहुल्ला मुजाहिद ने इसे एक अस्थाई नीति कहा, जिसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा करना है, जब तक कि तालिबान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर लेते। मुजाहिद ने कहा कि हम चिंतित हैं कि हमारे बल जो नए हैं अभी तक बहुत अच्छी तरह से प्रशिक्षित नहीं हुए हैं। वह महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाएं, अल्लाह ने करे महिलाओं को नुकसान पहुंचाए या परेशान करें।
महिलाओं को घर पर ही भुगतान किया जाएगा वेतन
तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि जब तक हमारे पास एक नई प्रक्रिया नहीं है तब तक महिलाओं को घर पर रहना चाहिए और उनका वेतन उनके घरों में भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम उन्हें स्थिति सामान्य होने तक घर पर रहने के लिए कह रहे हैं। अब यह एक सैन्य स्थिति है। उनके इस बयान को तालिबान की सांस्कृतिक मामलों की समिति के डिप्टी अहमदुल्ला वासेक की इस टिप्पणी से जोड़कर देखा जा रहा है। हाल ही में वासेक ने द न्यूयार्क टाइम्स को बताया था कि तालिबान को कामकाजी महिलाओं के साथ कोई समस्या नहीं है, जब तक वे हिजाब पहनती हैं।