ब्रेकिंग
भेंट मुलाकात कार्यक्रम में जिला या निगम की बड़ी घोषणा की उम्मीद ध्वस्त,जनमानस में निराशा सिमगा :- सोसल मिडिया में भा्रमक जानकारी प्रसारित करने पर साहू समाज एवं चंदेरी के ग्रामिण हुए नाराज ज्ञापन सौप कर की कार्यवाही की मांग मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात कार्यक्रम से क्षेत्रवासियों को थी बड़ी उम्मीद मिली निराशा ,स्थानीय नेताओं को नही मिला महत्व, सोसल मीडिया जीवी सीएम के समक्... मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात कार्यक्रम से क्षेत्रवासियों को थी बड़ी उम्मीद मिली निराशा स्थानीय नेताओं को नही मिला महत्व , सोसल मीडिया जीवी सीएम के सामन... मुख्यमंत्री अगर जनसंपर्क के लिए आये है तो उन्हें जनप्रतिनिधियों की भी बात सुननी चाहिये-शिवरतन शर्मा विधायक को जिले व अन्य मुद्दों पर बैचैन होने की जरूरत नहीं है-सुशील शर्मा मंडी अध्यक्ष सुशील शर्मा ने पोहामिलर्स व राईसमिलर्स के पदाधिकारियों सहित मिल कांटा हम्माल के सभी सदस्यों की बैठक लेकर पारिश्रमिक के संबंध विवाद को निप... शिवरतन शर्मा ने भेंट मुलाकात को लेकर मुख्यमंत्री बघेल को भाटापारा जिला बनाने की बात दिलाई याद, विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री से भेंट मुलाकात करने में भ... भाटापारा। भाटापारा ग्राम कड़ार एवं सिंगारपुर 15 मई 2023 को भेंट मुलाकात करने पहुंचेंगे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बच्चों के लिए आयोजित दिव्य मुस्कान समर कैंप के समारोह में मुख्य अतिथियों के रूप में उपस्थित हुवे सुशील शर्मा

छत्तीसगढ़ में 29.81 लाख परिवारों को औसत 52 दिनों का मनरेगा में मिला काम, देश में 5वां स्‍थान

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत इस साल काम पाने वाले 29 लाख 81 हजार परिवारों को प्रति परिवार औसत 52 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इस मामले में राष्ट्रीय औसत 48 दिनों का है।

छत्तीसगढ़ मनरेगा कार्यों में इस वर्ष भागीदारी करने वाले परिवारों को प्रति परिवार औसत रोजगार देने में ज्यादा आबादी वाले कई बड़े राज्यों उत्तरप्रदेश (40 दिन), तेलंगाना (48 दिन), तमिलनाडु (46 दिन), आंध्रप्रदेश (50 दिन), बिहार (42 दिन), गुजरात (41 दिन), झारखंड (44 दिन), कर्नाटक (46 दिन) और महाराष्ट्र (38 दिन) से आगे है।

चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रदेश में चार लाख 16 हजार 956 परिवारों को 100 दिनों से अधिक का काम मुहैया कराया गया है। इस मामले में छत्तीसगढ़ पूरे देश में पांचवें स्थान पर है। इसमें केवल राजस्थान, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश और आंध्रप्रदेश ही छत्तीसगढ़ से आगे है। देशभर में 100 दिनों का रोजगार प्राप्त परिवारों में अकेले छत्तीसगढ़ की भागीदारी आठ प्रतिशत से अधिक है।

प्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाले प्रत्येक परिवार को इस वर्ष बीजापुर जिले में औसत 70 दिन, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 69 दिन, दंतेवाड़ा में 65, कांकेर में 62, जशपुर में 60, गरियाबंद और सुकमा में 59-59 दिन, बिलासपुर और कोरिया में 58-58, राजनांदगांव में 57, बलरामपुर-रामानुजगंज में 56, कबीरधाम और नारायणपुर में 55-55, बालोद और धमतरी में 53-53, मुंगेली में 52, दुर्ग में 51 तथा रायपुर और कोंडागांव में 50-50 दिनों का काम उपलब्ध कराया गया है।