शिक्षाकर्मियों की अनुकंपा नियुक्ति, स्वास्थ्य कर्मियों के नियमित नौकरी को लेकर बनेगी कमेटी
रायपुर। दिवंगत शिक्षाकर्मियों और कोरोना काल के स्वास्थ्य कर्मियों के स्वजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने के मामले में सरकार ने गंभीरता दिखाई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षाकर्मियों के अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों की समीक्षा करने के लिए निर्देश दिया है। उनके निराकरण के लिए जल्द ही वरिष्ठ अधिकारियों की एक कमेटी गठित की जाएगी।
यह कमेटी शिक्षाकर्मियों की अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित पात्रताओं का परीक्षण करेगी और अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। इसके बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के मुताबिक शिक्षाकर्मी और स्वास्थ्य कर्मी समेत करीब छह हजार कर्मियों के स्वजनों की नौकरी का रास्ता खुल सकता है।
राजधानी में चल रहा है 52 दिन से धरना
बतादें कि दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ विगत राजधानी के बूढ़ा पारा धरना स्थल में 24 घंटे लगातार 52 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे है। इनका प्रमुख मांग है अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। संघ के प्रांताध्यक्ष माधुरी मृगे ने बताया कि संघ में एक हजार से अधिक शिक्षाकर्मी हैं, जिनके स्वजन अनुकंपा नियुक्ति की लड़ाई लड़ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा था मुख्यमंत्री को पत्र
कुछ दिन पहले संघ के पदाधिकारियों ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात की थी और अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद मंत्री सिंहदेव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक कोविड-19 के दौरान सेवा में लिए गए कोविड स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा-निरंतरता और उनकी सेवा शर्ता के लिए भी वरिष्ठ अधिकारियों की एक कमेटी गठित की जा रही है। यह कमेटी भी इन स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा निरंतरता और सेवा शर्त के संबंध में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को देगी।