स्वर्णिम विजय मशाल संग निकली कोसमघाट में विजय जलयात्रा
जबलपुर। वर्ष 1971 के युद्ध में भारत की विजय की स्मृति में इस वर्ष 50 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चार स्वर्णिम मशालों को देश की चारों दिशाओं में रवाना किया गया है। इन्हीं में एक स्वर्णिम मशाल शहर में आई है जिसके स्वागत में निरंतर विविध आयोजन किए जा रहे हैं। इस क्रम में तीसरे दिन कोसमघाट में स्वर्णिम विजय मशाल के साथ विजय जलयात्रा निकाली गई। यह घाट ग्रेनेडियर्स रेजीमेंट का एक रोइंग नोड हैं इस नोड से कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय नौकायन खिलाडी आगे बढे हैं और उन्होंने देश का नाम रोशन किया है।
इस अवसर पर सैनिकों द्वारा एक विशेष तरीके से विजय मशाल को नौका में ले जाया गया। मशाल को ले जाकर 1971 के युद्ध योद्धा एयर वाइस मार्शल डीएस मिश्रा, पीवीएसएम, एसम व एवीएसएम सेवानिवृत्त को सौंपा गया। मशाल उच्च न्यायालय परिसर से निकलते हुए सामग्री प्रबंधन कालेज से होते जुए पवित्र नदी नर्मदा के तट पर शोभायमान हुई।
विजय मशाल पूरे जोश व उत्साह के साथ संपूर्ण देश में भ्रमण कर रही है। यह स्वर्णिम विजय मशाल 10 अक्टूबर तक जबलपुर में रहेगी। विजय मशाल के स्वागत में हर दिन होने वाले विविध आयोजनों में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में छह अक्टूबर को सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद सात अक्टूबर को गौरी शंकर परेड ग्राउंड में डेयर डेविल्स और आर्मी बैंड का प्रदर्शन होगा। 10 अक्टूबर को कोबरा ग्राउंड में संगीत संध्या का आयोजन को। गौरतलब है कि यह विजय मशाल प्रतीक है हमारे देश के उनके वीर सैनिकों के बलिदान का जिन्होंने अपने प्राणों की आहूति देकर देश की जीत दिलवाई। इन सैनिकों की वीरता को नमन करने हेतु मशाल का भ्रमण जारी है।