सड़क निर्माण में पानी की तराई नहीं, उड़ रही धूल
बालोद। जिले भर में चल रहे पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत सड़क निर्माण कार्य मे न तो ठीक ढंग से पानी तराई की जा रही है और न ही मार्ग में नियमानुसार मुरुम डालकर बुलडोजर चलाया जा रहा है। गुजरा से खलारी मार्ग में मुरुम की जगह नियम विपरित मिट्टीयुक्त मुरुम डाला जा रहा है। ठेकेदार द्वारा बाहर से मुरुम न लाकर सड़क निर्माण के आसपास के मिट्टीयुक्त मुरुम को डाला जा रहा है। इससे सड़क की गुणवत्ता पर ही सवाल उठ रहे हैं।
गुजरा से खलारी मार्ग निर्माण में गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। संबंधित विभाग व ठेकेदार द्वारा कितने मीटर खुदाई होना है कितना सेमी मुरुम डालना चाहिए, कितने सेमी गिट्टी युक्त डस्ट डालना चाहिए। कहीं पर जानकारी नहीं दी गई है। संबंधित ठेकेदार द्वारा कुछ जगहों में कुछ सेमी खुदाई कर मिट्टीयुक्त मुरुम डालकर बिना पानी डाले समतल किया जा रहा है। इस मार्ग का निर्माण पीडब्ल्यूडी के तहत किया जा रहा है।
जिले भर में हो रहे सड़क निर्माण कार्य में न तो पानी की तराई की जा रही है और न ही बोर्ड लगाया गया है, जिसमें कितना सेमी मिट्टी, मुरुम, गिट्टीयुक्त डस्ट डालना है। इस मानक का भी परिपालन नहीं कर रहे हैं। निर्माणाधीन सड़क पर 24 घंटे में सिर्फ एक या दो बार ही पानी से तराई की जा रही है, जबकि इसमें तीन से चार बार पानी की तराई करनी है जिससे धूल ना उड़े और पानी की तराई होने से मिट्टी और मुरुम अच्छी तरह बैठ जाए। जगह-जगह गड्ढे होने से आए दिन लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं और जो पानी डाला जा रहा है, वह भी सड़क के ऊपर कहीं कहीं पर डाला जा रहा है। जबकि विभाग द्वारा नव निर्मित सड़क निर्माण का जायजा लेना चाहिए।