अपना भविष्य ‘लांच” करेंगी छह बेसहारा बेटियां, सरकारी दफ्तरों में कैफे चलाएंगी
ग्वालियर। दुनिया में जिनका सहारा कोई नहीं अब वे बेटियां अपने भविष्य की उड़ान खुद भर सकेंगी। प्रदेश सरकार की लांच पैड स्कीम के तहत ग्वालियर की 18 साल से अधिक उम्र की छह बेटियां और दो बेटे सरकारी दफ्तरों में खुद का कारोबार करेंगे। ग्वालियर कलेक्ट्रेट में इनके लिए कैफे और फोटोकॉपी मशीन, कम्प्यूटर आदि की दुकान शुरू कराई जा रही है। भारत सरकार से इंटीग्रेटेड चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कीम के तहत प्रदेश सरकार को मिले बजट से यह किया जा रहा है। मप्र शासन ने ग्वालियर को छह लाख रुपये दिए हैं, जिनसे पांच लाख का सामान भी ले लिया गया है। यह महिला एवं बाल विकास विभाग की आफ्टर केयर के तहत लाभ लेने वाली बेटियां हैं। प्रदेश में अभी सिर्फ इंदौर में लांच पैड स्कीम के तहत ऐसा किया जा रहा है। उप्र में अखिलेश यादव की सरकार के दौरान एसिड अटैक पीड़ित महिलाओं को उनके पैरों पर खड़ा करने के लिए सरकार ने इस तरह की पहल की थी। उन्हें सरकार के खर्च पर लखनऊ और आगरा में सार्वजनिक जगहों पर रोजगार खुलवाया गया था। ग्वालियर के अफसरों के दल ने उस समय जाकर विजिट भी किया था, यह वही तर्ज है।
आफ्टर केयर की छह बेटी, दो बेटे स्कीम में शामिलः महिला एवं बाल विकास विभाग ने ग्वालियर में आफ्टर केयर योजना में छह बेटियों और दो बेटों को शामिल किया है। इन्हें इस योजना के तहत दो हजार रुपये मासिक राशि सरकार की ओर से प्रदान की जाती है। यह सभी आठ लोग बचपन से बालक एवं बालिका गृहों में रह रहे थे और दुनिया में इनका अपना कोई नहीं है। गृहों में रहकर पढ़े लिखे और अब 18 साल की उम्र का पड़ाव पार करने के बाद इन्हें अपने पैरों पर खड़ा किया जा रहा है।
लांचपैड यानी भविष्य लांच होने का स्थानः लांचपैड स्कीम के तहत सरकार की ओर से अपने पैरों पर खड़े होने के लिए मदद दी जा रही है। ग्वालियर कलेक्ट्रेट में पहले तल पर जनसुनवाई कक्ष के सामने कैफे की शुरूआत कराई जाएगी, जिसमें चार लोग शामिल रहेंगे और भू-तल पर फोटोकॉपी दुकान जिसमें कम्प्यूटर आदि रहेगा, यह शुरू कराया जाएगा। कारोबार को करना सीखने के बाद यह लोग अपना खुद का कारोबार भी शुरू कर सकते हैं। इस कैफे और फोटोकॉपी शॉप से होने वाली आमदनी यही लोग खुद खर्च करेंगे और अपनी बचत भी कर सकेंगे।
वर्जन-
प्रदेश में लांचपैड स्कीम के तहत अभी इंदौर में काम किया जा रहा है और ग्वालियर प्रदेश का दूसरा महानगर होगा जहां यह स्कीम शुरू कर रहे हैं। पांच लाख रुपये के बजट से सामग्री का क्रय कर लिया गया है और शेष एक लाख रिजर्व रखा गया है। छह बेटियां और दो बेटों को इसमें शामिल कर रहे हैं।
शालीन शर्मा, सहायक संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग, ग्वालियर