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जेपी अस्‍पताल में सामान्य मरीज को नहीं मिला बिस्तर, दर्द से तड़पता रहा, डॉक्टर ने देखा तक नहीं

भोपाल। कोरोना के अचानक बढ़े मामलों के कारण शहर में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के हालात भयावह हैं। बुधवार रात करीब नौ बजे जेपी अस्पताल में दर्द से तडपते एक मरीज को 108 एंबुलेंस से लेकर उसके परिजन पहुंचे। यहां इमरजेंसी में मौजूद ड्यूटी डॉक्टर ने बाहर आकर कह दिया कि अस्पताल में बिस्तर खाली नहीं हैं। मरीज तेज दर्द से एंबुलेंस में तडप रहा था उसके स्‍वजन डॉक्टर के सामने हाथ जोडकर इलाज करने की गुहार लगाते रहे, लेकिन डॉक्टर ने देखा तक नहीं। करीब दो घंटे तक आरजू-मिन्नतें करने के बाद जब डॉक्टर ने मरीज को भर्ती नहीं किया तो परिजन उसे लेकर एक निजी अस्पताल चले गए। पूरे घटनाक्रम का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ है।

रोती रही महिला, लेकिन डॉक्टर ने नहीं सुनी

बुधवार रात करीब नौ बजे जेपी अस्पताल में 108 एंबुलेंस से पेटदर्द से पीडित एक मरीज पहुंचा। इमरजेंसी में मौजूद ड्यूटी डॉक्टर ने उसकी जांच कर यथासंभव इलाज करने के बजाय बिना देखे दूसरे अस्पताल में जाने का कह दिया। मरीज के परिवार की महिलाएं डॉक्टर से कहतीं रहीं कि आप भर्ती नहीं कर सकते, कोई बात नहीं, लेकिन देख तो सकते हैं। आप किस काम के डॉक्टर अगर किसी को तसल्ली भी नहीं दे सकते। हम आपसे पलंग नहीं मांग रहे, कम से कम देख तो सकते हैं। डॉक्टर की असंवेदनशीलता का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में ये कहते हुए सुना जा रहा है कि सिविल सर्जन ने भी मरीज को भर्ती करने के लिए फोन किया, फिर भी उसे एडमिट नहीं किया। अस्पताल प्रबंधन का तर्क है कि अब 400 बिस्तरों में से 120 स्त्री और प्रसूति रोग विभाग के लिए व गैर-कोरोना मरीजों के लिए सिर्फ 84 बेड बचे हैं। हालात ऐसे हैं कि सर्जिकल 1 वार्ड के 30 बिस्तरों पर कई अन्य विभागों के मरीजों को शिफ्ट किया गया है। बिस्तरों की कमी के कारण ऐसी स्थिति बन रही है।

कोविड में 196 बेड आरक्षित होने के कारण नॉन कोविड मरीजों को भर्ती करने में परेशानी हो रही है। इस मामले की जानकारी कराके दिखवाता हूं।

– डॉ. राकेश श्रीवास्तव, अधीक्षक, जेपी अस्पताल