जहां अधिक कोरोना मरीज, वहां अतिरिक्त लगाएं इंसीडेंट कमांडर: दुबे
ग्वालियर। शहर के जिन क्षेत्रों में अधिक संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज आ रहे हैं, वहां पूरी टीम के साथ अतिरिक्त इंसीडेंट कमांडर नियुक्त करें, जिससे जांच रिपोर्ट की सूची मिलते ही हर कोरोना संक्रमित के इलाज की बेहतर व्यवस्था की जा सके। यह निर्देश ग्वालियर जिले के प्रभारी सचिव एवं प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने निर्देश दिए। श्री दुबे जिले में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए किए गए इंतजामों की गूगल मीट के जरिए समीक्षा कर रहे थे।
रविवार को हुई गूगल मीट में संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना, आइजी अविनाथ शर्मा, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी किशोर कान्याल, अपर कलेक्टर आशीष तिवारी, संयुक्त संचालक स्वास्थ डा.एके दीक्षित, मेडिकल कालेज के प्रभारी डीन डा.समीर गुप्ता तथा जिले के सभी इंसीडेंट कमांडर सहित अन्य संबंधित अधिकारी शामिल हुए। प्रमुख सचिव संजय दुबे ने कहा कि किसी भी विभाग के कार्यपालिक अधिकारी को इंसीडेंट कमांडर की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है । उन्होंने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों तक नगर निगम के अमले के माध्यम से दवाएं पहुचाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि शाम को कोरोना संक्रमितों के मरीजो के मिलने के बाद रात में ही ऐसी व्यवस्था बना लें, जिससे होम आइसोलेशन के हर मरीज के घर तक हर हाल में सुबह आठ बजे तक दवाएं पहुंच जाएं।
ऑक्सीजन लेवल ठीक होने पर शिफ्ट करें मरीज
प्रमुख सचिव संजय दुबे ने कहा कि कोरोना के इलाज में अस्पताल प्रबंधन विशेष महत्वपूर्ण है। इसलिए पुख्ता रणनीति हो कि किस मरीज को सुपर स्पेशियलिटी, किसे जिला अस्पताल, किसे कोरोना केयर सेंटर और किसे होम आइसोलेशन में रखा जाना है। उन्होंने कहा कि सुपर स्पेशियलिटी आइसीयू में भर्ती जिन मरीजों का ऑक्सीजन लेवल सही हो जाए अर्थात खतरे से बाहर हो जाएं, उन्हें स्टेप डाउन कर दूसरे अस्पताल-वार्ड में पहुंचाएं, ताकि आइसीयू में अन्य गंभीर मरीजों का इलाज कराया जा सके। संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना ने गूगल मीट में निर्देश दिए कि जिला चिकित्सालय मुरार में स्थित हेल्प डेस्क के जरिए कोरोना संक्रमित मरीजों को सही अस्पताल में भर्ती कराएं। साथ ही जब तक मरीज के भर्ती होने तक अस्पताल तय नहीं हो जाता तब तक हेल्प डेस्क के समीप सर्वसुविधा युक्त बेड पर मरीज का इलाज किया जाए।