24 घंटे में मिले कोरोना की जांच रिपोर्ट, इसलिए निजी लैब को भेजे जाएंगे सैंपल
भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर के बीच संक्रमण का प्रकोप बढ़ने के साथ स्वास्थ्य विभाग ने हर जिले में सैंपलिंग की संख्या तो बढ़ा दी है, लेकिन दिक्कत यह है कि लोगों को आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट कई-कई दिनों तक नहीं मिल पा रही। रिपोर्ट के इंतजार में मरीजों की हालत बिगड़ रही है। इतना ही नहीं, इस दौरान अनजाने में वह दूसरों को भी संक्रमित करते रहते हैं। संक्रमण बढ़ने की यह बड़ी वजह है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब यह निर्देश जारी किया गया है कि सभी जिलों को कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर उपलब्ध करानी होगी। जिन जिलों में ज्यादा सैंपल आएंगे, वहां पर मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कॉरपोरेशन द्वारा अनुबंधित लैब को कुछ सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे। स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने यह निर्देश सभी जिलों को दिए हैं। आदेश में यह भी साफ किया गया है कि किस जिले में कितने सैंपल एकत्र होने पर कुछ सैंपल निजी लैब में भेजे जाएंगे।
कोरोना मरीजों की डायलिसिस के लिए हर मेडिकल कॉलेज में होगी एक मशीन
कोरोना मरीजों की डायलिसिस के लिए निजी और सरकारी सभी मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में एक मशीन रखनी होगी। इसके अलावा ऐसे जिला अस्पताल जहां डायलिसिस की सुविधा है और मरीज डायलिसिस के लिए पहले से वहां पंजीकृत हैं उनके कोरोना संक्रमित होने पर मेडिकल कॉलेज में सुविध्ाा होने की जानकारी दी जाएगी। बता दें कि भोपाल में किसी भी सरकारी अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज की डायलिसिस नहीं हो पा रही है। एम्स में मशीन होने के बाद भी कोरोना वार्ड में कोई मशीन नहीं रखी गई है। वहीं हमीदिया अस्पताल में कोरोना वार्ड में दो मशीनें हैं, लेकिन बिस्तर ही खाली नहीं हैं। कुछ निजी अस्पतालों में ही कोरोना मरीजों की डायलिसिस हो पा रही है।