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चार महीने पहले जनशताब्दी ट्रेन की पेंट्रीकार लाइसेंसी ने खींच लिया हाथ, हो रही दिक्कत

बिलासपुर।  गोंदिया-रायगढ़ जनशताब्दी एक्सप्रेस में पेंट्रीकार की सुविधा बंद हो गई है। यात्रियों की कम संख्या और इससे हो रहे नुकसान को देखते हुए लाइसेंसी ने चार महीने पहले ही हाथ खींच लिया। उसने पेंट्रीकार से खानपान नहीं दे पाने की असमर्थता आइआरसीटीसी को लिखित में जताई है। इसके अलावा तीन अन्य ट्रेन दुर्ग-निजामुद्दीन संपर्कक्रांति एक्सप्रेस, दुर्ग-उधमपुर और कोरबा-अमृतसर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में पेंट्रीकार व ट्रेन साइड वेंडिंग के जरिए यात्रियों को खानपान की सुविधा नहीं मिल रही है।

खानपान की व्यवस्था बढ़ते संक्रमण के कारण लड़खड़ा रही है। इन ट्रेनों का परिचालन स्पेशल के रूप में हो रहा है। यही वजह है कि जब यह नियमित चलती थी और उसम समय जो पेंट्रीकार का टेंडर हुआ था वह अपने आप बंद हो गया। स्पेशल ट्रेन के कारण नए सिरे से टेंडर किया जा रहा है। हालांकि टेंडर की अवधि दो से छह महीने ही होती है। चूंकि स्थिति सामान्य होने लगी थी।

इसलिए लाइसेंसी आइआरसीटीसी की इस अस्थाई व्यवस्था के बाद भी आगे आ रहे थे। इसी के तहत ही जनशताब्दी एक्सप्रेस की पेंट्रीकार चलाने का ठेका छह महीने के लिए दिया गया था। टेंडर हुए अभी दो महीने ही बामुश्किल गुजरे हैं पर कोरोना की वजह से ट्रेन में यात्री सफर ही नहीं कर रहे हैं। जबकि लाइसेंसी को प्रतिदिन पांच हजार रुपये से अधिक जमा करना है। अभी की स्थिति में इतनी रकम भी निकाल पाना संभव नहीं था।

इसलिए उसने पेंट्रीकार नहीं चलाने के लिए लिखित में जोनल स्टेशन स्थित आइआरसीटीसी कार्यालय में दिया। संपर्कक्रांति एक्सप्रेस की पेंट्रीकार के ठेके की अवधि दो पहले ही समाप्त हो गई। यही स्थिति छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस और दुर्ग- उधमपुर एक्सप्रेस ट्रेन की है। इस ट्रेन में ट्रेन साइड वेंडिंग के जरिए खानपान की सुविधा दी जाती थी। आइआरसीटीसी ने नए टेंडर के लिए अभी तक प्रक्रिया शुरू नहीं की है। ऐसे में इन ट्रेनों में जितने भी यात्री सफर कर रहे हैं, उन्हें खाने- पीने की चीजें नहीं मिलेंगी।