बैंक के दरवाजे पेंशनरों के लिए बंद, बिलासपुर में होने लगी परेशानी
बिलासपुर।लाकडाउन के मौजूदा दौर में आम लोगों के लिए बैंक के दरवाजे बंद है। इसका खामियाजा केंद्र व राज्य शासन के अंतर्गत संचालित उन योजनाओं के हितग्राहियों को भुगतना पड़ रहा है जिनको हर महीने सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत एक निश्चित राशि केंद्र व राज्य शासन द्वारा दी जाती है। हितग्राहियों के बैंक खाते में राशि जमा करा दी जाती है। ये राशि जमा नहीं हो रही है। बेकारी के इस दौर में पेंशन ना मिलने से इनकी दिक्कतें कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है
पेंशनरों के अलावा जिनके बैंक खाते में महीने की पहली तारीखी को वेतन या पेंशन की राशि जमा होनी है। ऐसे लोग जिनके पास नेट बैंकिंग या फिर एटीएम की सुविधा नहीं है। इनके सामने दिक्कतें आ रही है। नेट बैंकिंग के जरिए विभिन्न् कंपनियों से किश्तों में सामान लेने वालों की परेशानी भी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। आमतौर पर होता ये है कि किश्तों में सामान लेने वाले नए बैंक अकाउंट के जरिए किश्त की राशि अदा करते हैं। इसे ईएमआइ कहा जाता है।
संबंधित कंपनी द्वारा निर्धारित तिथि में बैंक अकाउंट से राशि निकाल लेती है। जैसे ही बैंक अकाउंट से राशि निकलती है संबंधित खातेधारक के मोबाइल नंबर पर सूचना आ जाती है। इन लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। एक खाते से दूसरे खाते में राशि आहरण्ा ना कर पाने के कारण ईएमआइ की राशि नहीं कट पाएगी। दूसरे महीने पेनाल्टी भरना पड़ेगा।
इनके सामने ज्यादा दिक्कत
लाकडाउन के कारण कामधंधा बंद है। लोग घरों में कैद है। रोज कमाने और खाने वालों की मुसिबत कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। इसी कड़ी में सामाजिक सुरक्षा पेंशनरों की परेशानी भी कुछ कम नहीं है। बैंक बंद होेने के कारण इनको भी भुगतान नहीं हो पा रहा है।
बीमा कंपनी के अफसरों को नहीं मिली अनुमति
जीवन बीमा निगम के अफसरों ने बीते दिनों कलेक्टर डा.सारांश मित्तर से मिलकर कोविड में जिन बीमाधारकों की मौत हुई है उनके वारिसों को क्लेम के भुगतान के लिए जीवन बीमा निगम कार्यालय खोलने की अनुमति मांगी थी। कलेक्टर ने बीमा कंपनी के अफसरांे को साफतौर पर मना कर दिया है। इसके चलते कोविड से जिन बीमाधारकों की मौत हुई है उनके वारिसों को भुगतान की राशि अब तक नहीं मिल पाई है। बीमा कंपनी के अफसर लाकडाउन बंद होने का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही जिले में लाकडाउन का आदेश निष्प्रभावी होगा सबसे पहले काम भुगतान का करेंेगे।