ईयू के थिंक टैंक ने कहा- पाक के लिए आतंकी संगठन टीएलपी से रिश्ता 27 देशों से संबंध की तुलना में ज्यादा अहम
एम्सटर्डम। पाकिस्तान के लिए आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) से रिश्ता 27 लोकतांत्रिक देशों से संबंध की तुलना में ज्यादा महत्वपूर्ण है। ईशनिंदा कानून के दुरुपयोग पर यूरोपीय संसद के प्रस्ताव को खारिज कर पाकिस्तान सरकार ने यह बात स्पष्ट कर दी है। यूरोपीय थिंक टैंक ने यह बात कही है।
यूरोपीय संसद ने ईशनिंदा कानून पर प्रस्ताव पारित किया था
यूरोपीय संसद के ताजा सत्र में एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें पाकिस्तान में ज्यादा धार्मिक स्वतंत्रता की मांग की गई थी। साथ ही यूरोपीय संघ (ईयू) के अधिकारियों से ईशनिंदा कानून के बढ़ते दुरुपयोग को देखते हुए पाकिस्तान के लिए जनरल स्कीम ऑफ प्रेफरेंसेज प्लस (जीएसपी प्लस) की समीक्षा करने को कहा था। जनवरी, 2014 में ईयू ने अपनी महत्वाकांक्षी कारोबारी स्कीम के तहत पाकिस्तान को जीएसपी प्लस का दर्जा दिया था।
पाकिस्तान ने खारिज कर दिया था ईशनिंदा कानून पर यूरोपीय संसद का प्रस्ताव
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के मंत्रिमंडल ने ईयू के प्रस्ताव पर तीन मई को बैठक की और कहा कि देश के ईशनिंदा कानून से कोई समझौता नहीं होगा। यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज ने कहा कि ईयू के प्रस्ताव को खारिज कर पाकिस्तान की सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि उसके लिए टीएलपी के साथ रिश्ता ज्यादा अहम है।
ईयू ने ईशनिंदा कानूनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए पाक से प्रभावी व्यवस्था बनाने को कहा था
प्रस्ताव में उल्लेख किया गया था कि 1987 से अब तक ईशनिंदा के सबसे ज्यादा मामले 2020 में आए। प्रस्ताव में पाकिस्तान सरकार से देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव एवं हिंसा की स्पष्ट शब्दों में निंदा करने और ईशनिंदा के कानूनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रभावी व्यवस्था बनाने को कहा गया था।