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एक साल वैट, 5 साल एक्साइज ड्यूटी से छूट; इंडस्ट्री की निगेटिव लिस्ट से बाहर होगी महुआ शराब

भोपाल: मप्र में महुए से बनी हेरिटेज मदिरा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कई रियायतें देने की तैयारी कर रही है। इसमें शराब बनाने वाले स्व सहायता समूहों को एक साल तक वैट नहीं देना पड़ेगा। साथ ही 5 साल तक एक्साइज ड्यूटी में भी छूट मिलेगी। इतना ही नहीं, इंडस्ट्री (उद्योग विभाग) की निगेटिव लिस्ट से ‘शराब’ को बाहर निकाला जाएगा, ताकि उन्हें औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन के तहत अनुदान मिल सके।कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्ताव उच्च स्तर पर भेज दिया गया है। उद्योग विभाग की निगेटिव लिस्ट (अपात्र सूची) का मतलब यह है कि इस लिस्ट में जितने भी सेक्टर होते हैं, उन्हें अनुदान नहीं दिया जाता। हेरिटेज मदिरा के लिए पहली बार शराब इस लिस्ट से बाहर होगी। शासन का तर्क है कि आदिवासी स्व सहायता समूहों को ही हेरिटेज मदिरा बनाने का लाइसेंस दिया जाना है, इसलिए औद्योगिक अनुदान से उन्हें मदद मिलेगी।बिना एफएसएसएआई सर्टिफिकेट के शराब नहीं बना सकेंगे स्व समूहहेरिटेज मदिरा के लिए बन रही नीति में यह भी स्पष्ट है कि महुआ से शराब बनाने वाले हर स्व सहायता समूह को भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का सर्टिफिकेट लेना होगा। इसके बिना वह शराब का निर्माण नहीं कर पाएगा।उत्पादन इकाई की क्षमता भी कम से कम 500 लीटर प्रतिदिन होने की शर्त रहेगी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि पायलट के तौर पर अालीराजपुर और डिंडोरी में हेरिटेज मदिरा का उत्पादन प्रारंभ हो गया है, जिनका विक्रय टूरिज्म डिपार्टमेंट के होटल के बार आदि में किया जा रहा है।ब्रांड का नाम अलग-अलगफिलहाल ब्रांड में एकरूपता नहीं रहेगी। हर स्व सहायता समूह का अपना ब्रांड हो सकता है। हालांकि प्रस्ताव में एक नाम पर भी विचार किया जा रहा है।नीति में ये भी तीन अहम बातेंलाइसेंसिंग व्यवस्था स्पष्ट, आदिवासी स्व सहायता समूहों के अलावा किसी को यह लाइसेंस नहीं मिलेगा।हर स्व सहायता समूहों की उत्पादन क्षमता और विक्रय को नियोजित करने के साथ उसके लिए अलग सिस्टम बनाना।आबकारी नीति से अलग होगी हेरिटेज मदिरा की नीति।कीमत देसी से कम नहीं होगी…कैबिनेट में जा रहे प्रस्ताव में यह भी साफ किया जाएगा कि हेरिटेज मदिरा की कीमत किसी भी स्थिति में देसी शराब से कम नहीं होगी। बॉटलिंग जरूर 180 एमएल से लेकर अधिक हो सकेगी। यह किसी भी शराब की दुकान (देसी या विदेशी या देसी-विदेशी) पर नहीं मिलेगी।