बोले- आज की पीढ़ी विभाजन के उस दर्द को समझ सके, इसलिए किया आयोजन
मंदसौर: आजादी के एक दिन पहले अग्रेजों द्वारा देश को विभाजन का दंश दिया गया था। उसकी याद में पहली बार मोदी सरकार द्वारा 15 अगस्त के एक दिन पूर्व विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस 14 अगस्त पर मनाया जा रहा है। इसी तारतम्य में देश भर में 14 अगस्त को विभाजन की विभीषिका में अपने प्राण गंवाने वाले तथा विस्थापन झेलने वाले लाखों भारत वासियों के नमन करने के साथ और उनकी यादों को स्मरण करने के लिए देश भर में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। भारतीय डाक विभाग मंदसौर संभाग द्वारा मुख्य डाक घर पर दिनांक 10 अगस्त से लेकर 14 अगस्त तक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। प्रदर्शनी में विभाजन के दौरान जो दर्द देश ने झेला था उसे उस समय के अखबारों के चित्रों को प्रदर्शित किया गया।प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में मुख्यातिथि जी डी सक्सेना पूर्व न्यायाधीश उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश, विशेष अतिथि मंदसौर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के पुत्र रिटायर्ड शिक्षक निरंजन प्रकाश शर्मा मंदसौर संभाग डाक अधीक्षक ओमप्रकाश चतुर्वेदी ने किया। मुख्यातिथि जीडी सक्सेना ने कहा कि अंग्रेजो हमे बटवारे को जो दंश देश को देकर गए है उसे भुलाया नही जा सकता है। उन्होंने कहा कि बटवारे के दौरान लाखो लोगो ने जान गंवाई । विस्थापन के दौरान जीवनभर की पूंजी को पाकिस्तान में ही छोड़ कर आना पड़ा।विशेष अतिथि स्वतंत्रा संग्राम सेनानी के पुत्र रिटायर्ड शिक्षक निरंजन प्रकाश शर्मा ने स्वतंत्रता आंदोलन में उनके माता पिता के योगदान के बारे में बताते हुवे कहा की वे गांधी जी के साथ आंदोलन जाया करते थें। अंग्रेजो के विरुद्ध मंदसौर में आंदोलन का बिगुल फुकते हुवे आजाद चौक में आंदोलनकारियों को एकत्र किया था। स्वागत उद्बोधन में डाक अधीक्षक ओमप्रकाश चतुर्वेदी किया । उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा पहली बार हमे उन लोगो को भी याद करने का अवसर दिया ही जिन्होंने विभाजन की विभीषिका को झेला है। प्रदर्शनी 14 अगस्त तक जारी रहेगी।