योग, बेहतर आहार और व्यायाम उच्च रक्तचाप से बचाव का मूलमंत्र
बिलासपुर। बेहतर आहार, प्रतिदिन 30 मिनट पैदल चलना, 15 मिनट तक व्यायाम, योग और मानसिक तनाव से दूर रहना ही उच्च रक्तचाप से बचाव का मूलमंत्र है। हर एक व्यक्ति को ये गतिविधियां दिनचर्या में शामिल करनी चाहिए। तंबाकू व शराब से भी बचना चाहिए।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे केंद्रीय अस्पताल के कार्डियोलाजिस्ट डा. चंदन कुमार दास ने इस बार भी विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर लोगों को अपने संदेश के जरिए जागरूक करने का प्रयास किया है। 17 मई को विश्व रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। डा. दास कहते हैं कि उच्च रक्तचाप लोगों के बीच काफी जाना-पहचाना रोग है। विश्व की जनसंख्या के लगभग 40 प्रतिशत व्यक्ति इस रोग से ग्रस्त हैं।
इनमें से 15 प्रतिशत लोग इसके बारे में अवगत नहीं हैं। 30 प्रतिशत रोगी नियमित रूप से उच्च रक्तचाप की दवाइयां नहीं लेते हैं। यह एक रक्तनली (धमनी) की बीमारी है। इसलिए इस बीमारी से शरीर के विशेष अंग दिल, किडनी, ब्रेन, आंख में दुष्प्रभाव पड़ता है। इस रोग के कई कारण हैं। यदि माता-पिता इससे पीड़ित हैं तो इसका असर संतान पर पड़ने की आशंका रहती है।
इसी तरह अनियंत्रित मधुमेह भी इसके कारक हैं। मधुमेह से पीड़ित हैं तो इसे सर्वदा नियंत्रण में रखें अन्यथा इससे भी उच्च रक्तचाप आ सकता है। इसके साथ-साथ कोलेस्ट्राल की मात्रा जांचने की आवश्यकता है। ज्यादा होने पर चिकित्सकों की सलाह जरूर ली जाए।
एक कारण मानसिक तनाव भी है। इससे बचने के कई उपाय हैं। इन उपायों को अपनाकर मानसिक तनाव को नियंत्रित किया जा सकता है। रोजाना फल, सलाद तथा ग्रीन सलाद का सेवन करने से भी इससे बचा जा सकता है। इसे भोजन के 15 से 30 मिनट पहले लेना चाहिए।
यह भी है जरूरी
डा. दास का कहना है कि रक्तचाप नापने की मशीन घर रखना बेहद जरूरी है। इससे दोनों बाजुओं में लगाकर रक्तचाप नापें। जिस बाजू में रक्तचाप की मात्रा अधिक हो, उसी बाजू में ही रक्तचाप देखना चाहिए। रक्तचाप यदि 120/80 के बीच है तो यह सामान्य स्थिति है। इससे ज्यादा नहीं होनी चाहिए।