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जेएएच में वार्ड फुल, निजी अस्पतालाें में भी बढ़ रहे मरीज

ग्वालियर। काेराेना के बाद अब ब्लैक आैर व्हाइट फंगस के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) अब बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। जयारोग्य अस्पताल में 43 बेड का एचडीयू-10 वार्ड फुल हो चुका है। अब नए मरीजों के लिए बेड बढ़ाए जा रहे हैं। ईएनटी विभागाध्यक्ष डा. वीपी नार्वे का कहना है मंगलवार को ब्लैक फंगस के चार नए मरीज जेएएच में भर्ती हुए, जिससे वार्ड में मरीजों की संख्या 43 हो चुकी है। मंगलवार को तीन मरीजों के साइनस का आपरेशन कर ब्लैक फंगस को निकाला गया।

डा. नार्वे का कहना है कि फंगस के रंग अलग-अलग हो सकते हैं, पर फंगस से शरीर के हर अंग को गंभीर खतरा होता है। यदि शुरुआती दौर में इसका पता चल जाता है तो आपरेशन या इलाज देकर फंगस की रफ्तार को रोका जाता है या आपरेशन कर बाहर निकाल दिया जाता है। खास बात यह है कि सभी रंग के फंगस का इलाज एक जैसा है और दवा भी समान है।

दस मरीज अपोलो में: केवल सरकारी ही नहीं निजी अस्पतालाें में भी ब्लैक फंगस केे मरीज बढ़ रहे हैं। वर्तमान में अपोलो अस्पताल में ब्लैक फंगस के दस मरीज भर्ती हैं। इनमें से एक मरीज के साइनस का आपरेशन कर ब्लैक फंगस को निकाला गया। जिला प्रशासन ने आवश्यकता के अनुसार अस्पताल को 24 इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए।

वर्जन-

एक मरीज के साइनस (आंख के नीचे का हिस्सा) का आपरेशन कर ब्लैक फंगस निकाला गया। अस्पताल में फंगस से पीड़ित दस मरीज भर्ती हैं। जिला प्रशासन से 24 एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन उपलब्ध हुए हैं।

डा. पुरेन्द्र भसीन, संचालक अपोलो हास्पिटल