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इंदौर के अस्पतालों में बिस्तर खाली नहीं, मरीज हो रहे परेशान

इंदौर। लगातार बढ़ती संख्या के कारण कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में आइसीयू और आक्सीजन बिस्तर तो दूर, अब सामान्य बिस्तर भी नहीं मिल पा रहे हैं। गुरुवार को शहर के अधिकांश अस्पतालों के पास बिस्तर खाली नहीं थे। गुरुवार शाम 7 बजे इंदौर के कोविड कंट्रोल कमांड सेंटर से भी यही जवाब मिला कि शहर में 90 अस्पतालों में कहीं भी कोई भी बिस्तर उपलब्ध नहीं है।
1075 पर बताया किसी भी अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं बिस्तर
गुरुवार को शाम 6 बजे नईदुनिया रिपोर्टर ने हेल्पलाइन नंबर 1075 पर फोन किया तो तीन से चार बार काल करने के बाद फोन कनेक्ट हुआ। इंदौर में एक मरीज के लिए आइसीयू बिस्तर की उपलब्धता की जानकारी मांगी गई तो कालर ने बताया कि किसी भी अस्पताल में आइसीयू, एचडीयू या वेंटीलेटर बिस्तर उपलब्ध नहीं हैं। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग के पास जिन 90 अस्पतालों की सूची है, उसमें आइसीयू व अन्य बिस्तर उपलब्ध ही नहीं हैं। ऐसे में कई लोग जो अस्पतालों में आइसीयू या वेंटीलेटर वाले बिस्तर की उपलब्धता की जानकारी चाहते हैं, उन्हें यही जवाब मिल रहा है कि अस्पताल में बिस्तर खाली नहीं हैं।
आक्सीजन की भी कमी
शहर के अस्पतालों में आक्सीजन की कमी होने के कारण कई निजी अस्पताल अब नए मरीजों को भर्ती ही नहीं कर रहे हैं। इस कारण भी कई अस्पतालों में अब आसानी से बिस्तर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
इंजेक्शन की तलाश में भटक रहे स्वजन
दूसरी ओर शहर के अस्पतालों में भर्ती मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन भी आसानी से नहीं मिल रहे हैं। अस्पताल संचालक जिला प्रशासन को इंजेक्शन की मांग भेज रहे हैं, लेकिन वहां से इंजेक्शन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। इंजेक्शन और आक्सीजन की कमी के कारण अस्पताल संचालक नए गंभीर मरीजों को भर्ती भी नहीं कर रहे हैं। वहीं अस्पताल में भर्ती मरीजों के स्वजन डाक्टर के पर्चे के साथ दवा विक्रेताओं के अलावा मेडिकल कालेज से जुड़े अस्पतालों के आसपास भी इस आशा में भटक रहे हैं कि उन्हें कहीं से इंजेक्शन मिल जाए।
तीन दिन से शासन ने नहीं उपलब्ध कराए इंजेक्शन
पिछले तीन दिन से हमारे अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन शासन ने उपलब्ध नहीं करवाए हैं। इस वजह से मरीज परेशान हो रहे हैं। हम उन्हें पर्चे पर लिखकर दे रहे हैं कि शायद वे कहीं अपने स्तर पर इंजेक्शन की व्यवस्था कर सकें। इसी तरह आक्सीजन के लिए गुरुवार सुबह बीआरजे कंपनी के पास हमारे 15 सिलिंडर गए थे लेकिन आठ घंटे बाद सिर्फ पांच सिलिंडर ही मिल पाए। वहीं दूसरी गाड़ी शिवम गैसेस पर गई। वहां से दिनभर में मात्र 10 सिलिंडर मिले। इसलिए हमने अस्पताल में गंभीर मरीजों को पिछले दो दिन से भर्ती करना ही बंद कर दिया।

-अश्विनी वर्मा, संचालक, वर्मा यूनियन अस्पताल

दो दिन से रेमडेसिविर नहीं
पिछले दो दिनों से हमें रेमडेसिविर इंजेक्शन शासन द्वारा नहीं मिला है। ऐसे में जिन मरीजों को डोज लग चुके हैं, उनके लिए शेष इंजेक्शन की व्यवस्था करना भी मुश्किल हो रहा है। जिन मरीजों के स्वजन बाहर से इंजेक्शन का इंतजाम करने का कह रहे हैं। उन्हें हम पर्चे पर लिखकर दे रहे हैं।
-डा. राहुल मेवाड़ा, संचालक, मेवाड़ा अस्पताल
30 मरीजों को तीन दिन में 13 ही मिले

पिछले तीन दिनों में हमें सिर्फ 13 इंजेक्शन मिले हैं। हमारे यहां 30 गंभीर संक्रमित मरीज भर्ती हैं, जिन्हें इंजेक्शन चाहिए। हम प्रशासन को हर दिन सूचना दे रहे हैं, लेकिन वहां से पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं। इस कारण हम स्वजन को इंजेक्शन के लिए जरूरत के लिए पर्चे पर लिखकर दे रहे हैं।
-डा. राकेश सिसोदिया, संचालक, वी केयर अस्पताल

जिम्मेदारी जिला प्रशासन की

अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन के एडीएम व अन्य प्रशासनिक अफसर देख रहे हैं। इस तरह की व्यवस्था होने से अस्पतालों को मरीजों को इंजेक्शन के लिए पर्चे नहीं देना चाहिए। शहर में बिस्तर की उपलब्धता की जानकारी के लिए 1075 हेल्प लाइन नंबर पर जानकारी मिल रही है।

-डा. अमित मालाकार, कोविड नोडल अधिकारी