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महापौर और अध्यक्ष का चुनाव सीधे नहीं, जनता चुनेगी पार्षद

✍🏻विकास तिवारी

कमल नाथ सरकार के समय बना अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का प्रविधान है लागू

भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश में इस बार महापौर और नगर पालिका व नगर परिषद अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली यानी जनता के माध्यम से नहीं कराया जाएगा। मतदाता पार्षद चुनेंगे और पार्षदों में से महापौर और अध्यक्ष का चुनाव होगा। कमल नाथ सरकार के समय बनाई गई यह व्यवस्था आज भी प्रभावी है।

शिवराज सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से पुरानी व्यवस्था बहाल तो कर दी थी लेकिन विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित नहीं हो पाया था। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा व्यवस्था में नगर निगम के महापौर और नगर पालिका व नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से ही होगा।

पहले महापौर और पार्षद के लिए अलग-अलग मतदान होता था
लेकिन कांग्रेस ने इस व्यवस्था को बदल दिया। विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने इसका काफी विरोध किया पर तत्कालीन राज्यपाल ने संवैधानिक व्यवस्था का हवाला देते हुए अध्यादेश और फिर विधेयक को अनुमति दे दी थी।

सत्ता परिवर्तन के बाद शिवराज सरकार ने पुरानी व्यवस्था बहाल करने के लिए नगर पालिक अधिनियम में अध्यादेश के माध्यम से संशोधन किया लेकिन संशोधन विधेयक पारित नहीं हो सका। इसके बाद दोबारा संशोधन विधेयक प्रस्तुत नहीं किया अप्रत्यक्ष प्रणाली से नगर पालिका आलीराजपुर और नगर परिषद लखनादौन का चुनाव कराया जा चुका है।