पूर्वी कांगो में ज्वालामुखी फटा, हजारों लोगों का पलायन, पांच की मौत, 500 से ज्यादा घर तबाह
गोमा। अफ्रीका महाद्वीप के मध्य में स्थित कांगो के गोमा शहर के निकट विरूंगा की पहाड़ियों में अचानक नीरागोंगा ज्वालामुखी 19 साल बाद फिर सक्रिय हो गया। यह विश्व के खतरनाक और सक्रिय ज्वालामुखी में गिना जाता है।
लोगों के भागते समय सड़क हादसे में पांच की मौत, 500 से ज्यादा घर तबाह
स्थानीय प्रशासन के चेतावनी जारी करते ही शहर के हजारों लोग जरूरी सामान के साथ पैदल ही रवांडा की ओर पलायन करने लगे। अधिकारियों ने कहा कि भागते समय सड़क हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई। लावा की चपेट में आकर 500 से ज्यादा घर तबाह हो चुके हैं।
गोमा की आबादी 20 लाख, 2002 में ज्वालामुखी फटने से 250 लोग मारे गए थे
गोमा की आबादी लगभग 20 लाख है। यहां पर 2002 में यह ज्वालामुखी फटा था, जिसमें ढाई सौ लोग मारे गए थे। एक लाख बीस हजार से ज्यादा लोग बेघर हुए थे। रवांडा के प्रशासन ने पलायन की पुष्टि करते हुए कहा है कि करीब साढ़े तीन हजार लोग रवांडा पहुंच चुके हैं। यहां उनको पूजा स्थलों और स्कूलों में ठहराया जा रहा है।
ज्वालामुखी का लावा राजमार्ग तक आ गया
ज्वालामुखी विरुंगा नेशनल पार्क के निकट है, जहां दुनिया के कुछ बचे हुए गोरिल्लाओं का संरक्षण किया जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ज्वालामुखी का लावा उत्तरी किबु को बेनी शहर से जोड़ने वाले राजमार्ग तक आ गया है।
ज्वालामुखी का खतरनाक लावा गोमा की तरफ बह रहा
ज्वालामुखी विज्ञानी डारियो डेटेस्को ने बताया कि ज्वालामुखी का लावा गोमा की तरफ बह रहा है। यह उतना ही खतरनाक है, जितना 19 साल पहले था
राष्ट्रपति ने छोड़ी यूरोप की यात्रा, प्रधानमंत्री लुकोंडे ने बुलाई आपात बैठक
राष्ट्रपति फेलिक्स त्सेसेकेदी अपनी यूरोप की यात्रा बीच में छोड़कर देश लौट रहे हैं। इधर प्रधानमंत्री जीन मिशेल सामा लुकोंडे ने आपात बैठक बुलाई है।
भारतीय सेना की टुकड़ी ने की नागरिकों, और संरा परिसंपत्ति की रक्षा
संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान के तहत कांगो में तैनात भारतीय सेना की एक टुकड़ी ने मध्य अफ्रीकी देश के गोमा शहर के पास ज्वालामुखी फटने के बाद नागरिकों के साथ ही वैश्विक निकाय की परिसंपत्ति की रक्षा की। अधिकारियों ने कहा कि भारतीय टुकड़ी की पहल से ज्वालामुखी फटने के बाद नागरिकों और संयुक्त राष्ट्र के अन्य कíमयों को तेजी से निकालने में मदद मिली। भारतीय दल की कार्रवाई से गोमा में नागरिकों और संयुक्त राष्ट्र के अन्य कíमयों की रक्षा करने में मदद मिली है।