Vinayaka Chaturthi 2022: आज है विनायक चतुर्थी व्रत, शुभ मुहूर्त में इस विधि से करें पूजा
Vinayaka Chaturthi 2022 Puja Vidhi: कार्तिक माह की विनायक चतुर्थी आज 28 अक्टूबर को है. आज व्रत रखते हैं और भगवान विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा विधि विधान से शुभ मुहूर्त में करते हैं. जानें विनायक चतुर्थी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त.
Vinayaka Chaturthi 2022 Puja Vidhi: कार्तिक माह की विनायक चतुर्थी आज 28 अक्टूबर को है. आज व्रत रखते हैं और भगवान विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा विधि विधान से शुभ मुहूर्त में करते हैं. भगवान गणेश जी का दूसरा नाम विनायक है. इस वजह से शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं. यह तिथि गणेश जी की पूजा अर्चना के लिए समर्पित है. आज का पूजन दोपहर तक संपन्न कर लेना
चाहिए और चंद्रमा के दर्शन से परहेज करना चाहिए. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कृमार भार्गव बता रहे हैं विनायक चतुर्थी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में.
विनायक चतुर्थी 2022 शुभ मुहूर्त
कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि का प्रारंभ: आज, सुबह 10 बजकर 33 मिनट से
कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि का समापन: कल, सुबह 08 बजकर 13 मिनट पर
गणेश पूजा का शुभ समय: सुबह 10 बजकर 58 मिनट से दोपहार 01 बजकर 12 मिनट तक
शोभन योग: आज प्रात:काल से देर रात 01 बजकर 30 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: आज प्रात: 06 बजकर 30 मिनट से सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक
रवि योग: आज सुबह 10 बजकर 42 मिनट से कल सुबह 06 बजकर 31 मिनट तक
आज चंद्रोदय का समय: सुबह 09 बजकर 25 मिनट पर
विनायक चतुर्थी व्रत और पूजा विधि
1. आज प्रात: स्नान के बाद विनायक चतुर्थी व्रत और गणेश पूजन का संकल्प करें.
2. शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें.
3. अब आप गणेश जी का गंगाजल से अभिषेक करें. फिर उनको वस्त्र, चंदन, अक्षत्, लाल फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, पान का पत्ता, सुपारी, छोटी इलायची, मिठाई, फल, दूर्वा, मोदक आदि अर्पित करें.
4. इस दौरान ओम गं गणपतये नम: मंत्र का उच्चारण करते रहें. यह सर्वमनोकामना पूर्ति मंत्र है.
5. अब आप गणेश चालीसा, गणपति स्तोत्र और विनायक चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें. इसके बाद गणेश मंत्र का जाप भी कर सकते हैं.
6. इसके पश्चात घी का दीपक जलाएं और उससे गणेश जी की आरती विधिपूर्वक करें. आरती के बाद गणेश जी से क्षमा प्रार्थना करें.
7. गणपति बप्पा से अपनी मनोकामनाएं कहें. दिन भर फलाहार पर रहें. चंद्रमा का दर्शन न करें. रात्रि के समय में मीठा भोजन करके पारण करें और व्रत को पूरा करें.