पिता की सलाह से सुलझ जाती है उलझनें
रायपुर। प्रत्येक परिवार के समक्ष कोई न कोई संकट आता है, उस समय सबसे महत्वपूर्ण सलाह घर के बुजुर्ग की होती है। देखते ही देेखते सारी समस्याएं सुलझ जाती हैं। आए दिन कोई न कोई परेशानी आती है, तब मेरे 86 वर्षीय पिता सलाह देकर उन समस्याओं को तुरंत दूर कर देते हैं। मेरे दो चाचाओं का परिवार और हमारा परिवार एक ही परिसर में रहता है।
जीवन के झंझावतों और व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक परेशानियों में पिता की अहम सलाह हमारे जीवन में उत्साह भर देती है। मेरे परिवार में 30 से अधिक सदस्य हैं। मेरे पिता लक्ष्मीनारायण शर्मा संयुक्त परिवार की रीढ़ हैं। हर कदम पर वे हमारा मार्गदर्शन करके हमें एकजुट रखते हैं
पिता की छत्रछाया में पूरा परिवार एकजुट
यह कहना है भारतीय खाद्य निगम के अधिकारी पद से रिटायर्ड हो चुके 64 वर्षीय नरेश कुमार शर्मा और उनके छोटे भाई जितेंद्र शर्मा का। वे बताते हैं कि हमारा संयुक्त परिवार है। कई बार ऐसी उलझनें सामने आ जाती है कि उसका समाधान केवल हमारे पिता ही कर पाते हैं। दूरदराज के रिश्तेदारों और परिवार की समस्याओं में बुजुर्ग की सलाह अहम होती है।
पिता का साया सिर पर होने से नाते-रिश्तेदारी की संपूर्ण जिम्मेदारी पिता ही संभालते हैं, उनके रहते हमें सामाजिक संबंध निभाने की चिंता ही नहीं रहती। संपूर्ण समाज में उनकी सलाह को महत्व दिया जाता है। संकट आने पर पिता की सलाह से सारी उलझनें दूर हो जाती है। पिता ने हमें सिखाया है कि सामाजिक रिश्तों में मधुरता और परिवार में एकजुटता से ही जीवन में सुख, शांति, खुशहाली आ सकती है। उनके बताए मार्ग पर चलकर ही हमारा परिवार एकजुट है।