एसकेएस इस्पात में पुलिस वाहन में आगजनी करने के 15 आरोपित गिरफ्तार
रायपुर/सांकरा। एसकेएस कंपनी के कर्मचारियों और असामाजिक तत्वों ने गुरुवार को कंपनी गेट के सामने एकत्र होकर कंपनी के विरोध में नारेबाजी और प्रदर्शन किया था। उग्र होकर वे कंपनी के गेट को बलपूर्वक खोलने का प्रयास करने लगे, जिन्हें कानून व्यवस्था ड्यूटी में लगे बल द्वारा रोकने का प्रयास किया गया। इस पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बल पर पथराव कर हमला कर दिया। ड्यूटी पर तैनात छह पुलिसकर्मी को चोट आई हैं।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन बस क्रमांक सीजी 03, 4948 और एक पुलिसकर्मी की मोटरसाइकिल क्रमांक सीजी 04 एलआर 1611 में आग लगा दी। उक्त दोनों वाहन बुरी तरह जलकर क्षतिग्रस्त हो गए। इस प्रकार लगभग 200 से अधिक व्यक्तियों ने शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाते हुए शासकीय वाहन सहित एक अन्य वाहन में आगजनी की।
इस पर आरोपितों के विरुद्ध थाना धरसींवा में धारा 186, 353, 332, 427, 435, 448, 147, 148, 149 भादवि. एवं लोेक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 4 के तहत अपराध पंजीबद्ध 15 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। घटना में शामिल फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस पतासाजी करने में जुट गई है।
हड़ताल कर रहे थे मजदूर
एसकेएस इस्पात कंपनी में मजदूरों ने वेतन वृद्धि को लेकर आंदोलन शुरू किया था। घटना की जानकारी मिलने के बाद आंदोलन रोकने के लिए पुलिस पहुंची, तो आक्रोशित मजदूरों ने पुलिस वाहन को ही आग के हवाले कर दिया था। मामला धरसीवा थाना सिलतरा चौकी का है। औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा स्थित एसकेएस इस्पात में एक बार फिर कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू दी है। पिछले माह वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल की गई थी, लेकिन उस वक्त जल्द ही मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था। मगर, कंपनी द्वारा मांग पूरी नहीं किए जाने से कर्मचारियों का आक्रोश पुनः भड़क गया।
बुधवार की सुबह से ही एसकेएस इस्पात में कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर गेट के सामने धरना दे रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि 14 जुलाई को की गई हड़ताल में उन्होंने अपनी जायज मांगों को उठाया था। इस दौरान तहसीलदार के समक्ष फैक्ट्री प्रबंधन ने मांगों को मानते हुए मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया था। तब हड़ताल खत्म की गई थी, लेकिन मांगे पूरी नहीं होने के कारण आज से पुनः अपनी मांगों को लेकर के गेट के सामने ही धरने पर बैठना पड़ा।
फैक्ट्री कर्मियों का कहना है कि दो साल का एग्रीमेंट 20 फीसद हर वर्ष बोनस, पीएफ 12 फीसद कंपनी का 12 फीसद मजदूरों का आदि मांगों को लेकर हड़ताल की गई है। हड़ताल की जानकारी मिलते ही धरसीवां पुलिस भी मौके पर पहुच गई। समाचार लिखे जाने तक फैक्ट्री कर्मी अपनी मांगों को लेकर गेट पर डटे थे, दूसरी ओर देखा जाए तो फैक्ट्री अपनी उत्पादन बढ़ाने के लिए पर्यावरण जन सुनवाई में इन सभी मांगों को पूरा करने के लिए पर्यावरण जनसुनवाई में सहमति रखते हैं।
मगर, लेकिन जब मजदूरों की फैक्ट्री में इस तरह की बात आती है तो फैक्ट्री प्रबंधन अपने हाथ पीछे की ओर खींच लेते हैं आखिरकार वही हुआ पूर्व में 14 जुलाई को मजदूरों द्वारा हड़ताल किया गया था, जिस पर फैक्ट्री प्रबंधन तहसीलदार के समक्ष मांगों को लेकर सहमति दिखाई थी इसके बाद हड़ताल खत्म कर दिया गया लेकिन एक महीना हो जाने के बाद भी आज भी पहले की स्थिति जैसी बनी हुई है, जिसके कारण मजदूर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं।
मजदूरों की मांग पूरी कर दी गई थी
घटना के संदर्भ में एसकेएस इस्पात के मालिक दीपक गुप्ता ने बताया कि मजदूरों की मांग लगभग पूरी कर दी गई थी। दीपक ने बताया कि 90 परसेंट मजदूर काम पर लौटने के लिए तैयार थे। गुरुवार को कुछ मजदूर शराब पीकर आए और पहले पथराव किया पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की इसके बाद नशे में पुलिस वाहन को आग लगा दी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने व्यवस्था को अच्छे से संभाल लिया, नहीं तो बड़ी घटना हो सकती थी। इस तरीके से कंपनी चलाना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए।