जंगल सफारी में लौटी रौनक, रक्षाबंधन के दिन पहुंचे 1,700 पर्यटक
रायपुर। कोरोना संक्रमण के बाद जंगल सफारी में धीरे-धीरे रौनक लौटने लगी है। यहां शेर की दहाड़ एक बार फिर पर्यटकों को अपनी तरफ खींचने लगी है। रविवार को रक्षाबंधन के दिन जंगल सफारी में करीब 1,700 पर्यटक पहुंचे, जबकि सामान्य दिनों में चार सौ से पांच सौ लोग पहुंचते हैं। रक्षाबंधन के दिन पर्यटकों को घूमने के लिए सफारी प्रबंधन ने पुख्ता इंतजाम किया था। जंगल सफारी प्रबंधन की मानें तो कोरोना के बाद पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
इसमें खासकर छुट्टी के दिन पर्यटक भारी संख्या में पहुंच रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान पर्यटकों की आवाजाही पर रोक दी गई थी। मगर, अब कोरोना के मामलों में कमी होने के साथ ही एक बार फिर से जंगल सफारी को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। बच्चों को भी यहां काफी मजा आ रहा है।
800 एकड़ में फैला जंगल सफारी
ज्ञात हो कि एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित जंगल सफारी रायपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 35 किमी की दूरी पर स्थित है। जंगल सफारी के 800 एकड़ क्षेत्र में कई स्वदेशी पौधों की प्रजातियां भी वनस्पति को जोड़ती हैं, जो जानवरों के लिए प्राकृतिक आवास की तरह वातावरण हैं। सफारी के 800 एकड़ में 130 एकड़ का ‘खांडवा जलाशय” नामक जल निकाय है, जो कई प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करता है। यहां चार सफारी अर्थात शाकाहारी, भालू, बाघ और शेर की सफारी बनाई गई हैं।
वर्जन
जंगल सफारी में रक्षाबंधन की छुट्टी होने की वजह से कुल 1,700 पर्यटक बाड़े और सफारी घूमने आए
– अभय पांडेय, एसडीओ, जंगल सफारी रायपुर