पीएमओ दफ्तर पहुंचा औद्योगिक क्षेत्र के ग्रीन बेल्ट का मामला
भिलाई। औद्योगिक क्षेत्र स्थित ग्रीन बेल्ट पर कब्जे का मामला तूल पकड़ लिया है। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, जिला कलेक्टर, डीआईसी के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में की गई है। ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री को पूरे मामले से अवगत कराते हुए औद्योगिक क्षेत्र से लगे छह गांवों को बचाने की गुहार लगाई है।
बता दें कि उद्योगों को जमीन आवंटित करने से पूर्व जिला उद्योग केंद्र ने हर प्रमुख सड़क के किनारे ग्रीन बेल्ट के लिए जमीन छोड़ी थी। इस ग्रीन बेल्ट पर पौधरोपण भी किया गया था। जिला उद्योग केंद्र की अनदेखी का नतीजा है कि पूरे ग्रीन बेल्ट पर उद्योगों का कब्जा होगा। इक्का दुक्का जगह ही ग्रीन बेल्ट नजर आता है। बाकी जगहों पर किसी ने पार्किंग स्थल बना लिया तो किसी ने धर्मकांटा खोल लिया।
ग्रीन बेल्ट खत्म होने का सबसे बूरा असर अकलोरडीह, हथखोज, जरवाय, उमदा, सूरजीडीह तथा दादर पथर्रा की सेहत पर पड़ रहा है। यह गांव पूरी तरह से प्रदूषण की चपेट में आ गए है। कई लोग तो पलायन कर अन्यंत्र बस गए है। लोगों ने अब तक दर्जनों बार पिछली सरकार के मंत्रियों से लेकर अधिकारियों तक अपना दर्द बयां किया पर कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई
ग्रामीणों ने संकल्प पर्यावरण संरक्षण समिति के माध्यम से हाल ही में मुख्यमंत्री, जिला उद्योग केंद्र तथा क्षेत्रीय पर्यावरण संरक्षण मंडल को पत्र लिखकर गुहार लगाई थी। क्षेत्रीय पर्यावरण मंडल ने कह दिया कि यह हमारा नहीं डीआईसी का मामला है। डीआईसी के अधिकारी कहते हैं कि कब्जे की जानकारी उन्हें भी है, पर कब्जा करने वाले इतने रसूखदार है कि जब भी कार्रवाई की बात आती है , तो ऊपर से फोन आ जाता है। स्थानीय ग्रामीणों ने इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। ताकि यहां सघन पौधरोपण कर आसपास के गांवों को प्रदूषण से बचाया जा सके।
अजय सिंह, स्थानीय निवासी ने कहा कि स्थानीय अधिकारी कुछ करने की स्थित में नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर ग्रीन बेल्ट को कब्जा मुक्त कराने की गुहार लगाई गई है।