सरकारी कर्मचारियों की पत्नियां शासकीय सेवा पुस्तिका में अपना नाम दर्ज कराएं – महिला आयोग
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने महिलाओं को सलाह दी है कि यदि सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारी से विवाह किया है, तो शासकीय सेवा पुस्तिका में अपना दर्ज कराएं। शासकीय सेवक की मृत्यु के बाद उनकी पत्नियों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। यह सलाह आयोग की सुनवाई में दी गई। महिला आयोग में महिला उत्पीड़न से संबंधित 20 प्रकरण सुनवाई के लिए रखे गए
इनमें से पांच प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया गया। सुनवाई में आयोग अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक, सदस्यगण अनिता रावटे, शशिकांता राठौर, अर्चना उपाध्याय मौजूद रहीं। मामले के अनुसार मृतक सरकारी नौकरी में था और पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी की थी। शासकीय अभिलेख में पहली पत्नी का नाम दर्ज था जो महज सात साल तक थी। दूसरी पत्नी 27 साल से मृत्यु तक साथ में थी। इलाज का खर्च भी उसने वहन किया था, लेकिन समस्त शासकीय जमा राशि और पेंशन प्रथम पत्नी को मिल गया। इस मामले में दोनों पक्ष ने सहमति से निर्णय लेने के लिए समय मांगा।
एक अन्य प्रकरण में पत्नी ने पति के खिलाफ स्वयं तथा अपने तीनों बच्चे के साथ मारपीट करने की शिकायत की थी। बच्चों के भविष्य को देखते हुए महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक ने पत्नी और बच्चों को पति के नए मकान में रखने पति को निर्देशित किया। बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्च पत्नी को दो हज़ार रुपये प्रतिमाह देने पर सहमति बनी। प्रकरण को छह माह की निगरानी में रखे जाने के बाद ही निराकृत किया जाएगा।