आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल से बिजली कंपनियों में राजस्व वसूली ठप, सुधार कार्य भी नहीं हो रहे
भोपाल। आउटसोर्स बिजली कर्मियों की हड़ताल सोमवार सुबह से शुरू हो गई है। इसकी वजह से भोपाल समेत प्रदेश में कहीं बिजली आपूर्ति बाधित या ठप होने की स्थिति तो नहीं बनी है, लेकिन सीधा असर बिजली कंपनियों के राजस्व वसूली पर पड़ा है। अकेले भोपाल में ही सुबह से दोपहर तक एक लाख रुपये की भी वसूली नहीं हुई है। यहां तक कि वसूली में लगे नियमित कर्मचारियों को बिजली आपूर्ति व्यवस्था में लगा दिया है। आम दिनों में आउटसोर्स कर्मचारी राजस्व वसूली के साथ-साथ आपूर्ति व्यवस्था भी संभालते थे, जो कि अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं। मप्र आउटसोर्स बिजली अधिकारी कर्मचारी संघ के संयोजक मनोज भार्गव के नेतृत्व में राजधानी के गोविंदपुरा बिजली दफ्तर में बड़ी संख्या में कर्मचारी जुटे हैं और विरोध दर्ज करवा रहे हैं।
इन मांगों के लिए कर रहे हड़ताल
– आउटसोर्स कंपनियों को खत्म करें। कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन दें। प्रशिक्षण की सुविधा हो। भले आउटसोर्स पर रखें, लेकिन बिजली कंपनी ही नियुक्ति हैं। आउटसोर्स कर्मचारियों के नाम पर जिन आउटसोर्स कंपनियों को सुविधा शुल्क का भुगतान किया जा रहा है, उसका लाभ सीधे आउटसोर्स कर्मचारियों को दिया जाए।
– जिन कर्मचारियों की पूर्व के वर्षों में विद्युत लाइन में सुधार कार्य करते समय मौतें हुई हैं, उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए। उनके परिवार के सदस्यों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। उनके बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी ली जाए।
– पूर्व के सालों में आउटसोर्स कंपनियों द्वारा रोके गए वेतन, बोनस का भुगतान कराया जाए। इन कंपनियों पर जुर्माना भी लगाया जाए और उसकी वसूली करके बिजली कर्मियों को वितरित किया जाए।
– मैदानी स्तर पर काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली जाए। उन्हें पर्याप्त सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराएं जाएं।
– आउटसोर्स कर्मचारियों से मूल काम छोड़कर सब स्टेशन व फीडर परिसर की साफ-सफाई कराई जाती है। इसे भी बंद किया जाए।
– वसूली की जिम्मेदारी नियमित अधिकारी व कर्मचारियों की होती है, जबकि उसका लक्ष्य आउटसोर्स कर्मचारियों को दिया जाता है। पूरा नहीं करने पर कार्रवाई की धमकी दी जा रही है। इस व्यवस्था को खत्म करें।