एसआइटी ने क्राइम सीन रिक्रिएट कर जाना, कैसे हुई मनीष की हत्या
गोरखपुर। मनीष गुप्ता हत्याकांड की जांच ट्रांसफर होने के बाद 16 घंटे के भीतर कानपुर एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) शनिवार को गोरखपुर पहुंच गई। टीम का नेतृत्व कर रहे अपर पुलिस आयुक्त आनंद कुमार तिवारी फोरेंसिक टीम के साथ होटल कृष्णा पैलेस (घटनास्थल) पहुंचे। मनीष की मौत के बाद सील किए गए होटल के कमरा नंबर 512 में पहुंचकर क्राइम सीन रिक्रिएट किया। इस दौरान गोरखपुर फोरेंसिक टीम के साथ ही गोरखपुर क्राइम ब्रांच की टीम भी मौजूद रही।
होटल पहुंचकर किया सीन रिक्रिएट
एसआइटी के प्रभारी अपर पुलिस आयुक्त कानपुर आनंद कुमार तिवारी, डीसीपी दक्षिण रवीना त्यागी, एडिशनल डीसीपी पश्चिम बृजेश कुमार श्रीवास्तव और फाेरेंसिक टीम के साथ गोरखपुर पहुंचे। पुलिस अधिकारियों से घटना की जानकारी लेने के बाद कानपुर से आई फोरेंसिक टीम और कैंट पुलिस को लेकर होटल कृष्णा पैलेस पहुंचे। टीम के पहुंचने से पहले ही होटल को खाली करा दिया गया। होटल के मैनेजर और कर्मचारियों से पूछताछ करने के बाद एसआइटी प्रभारी कमरा नंबर 512 में पहुंचे। इसी कमरे में मनीष गुप्ता अपने दो अन्य दोस्तों के साथ ठहरे थे।
टीम ने की गहन जांच
घटना से जुड़े हर पहलु की बारिकी से जांच करने के बाद एसआइटी प्रभारी ने क्राइम सीन रिक्रिएट कराया। इसके बाद मामले की विवेचना कर रही गोरखपुर क्राइम ब्रांच की एसआइटी, एसपी क्राइम डा. एमपी सिंह, सीओ कैंट श्यामदेव बिंद को होटल में बुलाकर चार दिन में हुई छानबीन और कार्रवाई की जानकारी ली। गोरखपुर की फोरेंसिक टीम प्रभारी को बुलाकर घटना के बाद जुटाए गए वैज्ञानिक साक्ष्य को देखने के साथ ही सबका बयान दर्ज किया।देर रात तक एसआइटी की जांच जारी रही।
होटल का फुटेज कब्जे में लिया, बयान की हुई वीडियोग्राफी
एसआइटी ने होटल कृष्णा पैलेस में लगे सभी सीसी कैमरे का फुटेज देखा। 27 सितंबर को हाेटल पहुंचने के बाद मनीष गुप्ता कब कमरे में पहुंचे। दोस्तों के साथ भोजन करने के बाद कब लौट, रामगढ़ताल पुलिस रात में कितने बजे होटल पहुंची। कमरे में कितनी देर रही, किस स्थिति में मनीष और उनके दोस्तों को कमरे से लेकर बाहर निकली इसको जाना।