छत्तीसगढ़ में नाम की सियासत: योजना के बाद संस्था के बदले नाम
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभागीय मुख्यालय जगदलपुर स्थित मेडिकल कालेज का नाम बदलने के फैसले से प्रदेश में सियासी घमासान तेज हो गई है। चुनाव परिणामों के लिहाज से बस्तर में बैकफुट पर चल रही भाजपा को इससे वहां बड़ा मुद्दा मिल गया है। भाजपा इसे लेकर बस्तर में राजनीतिक अभियान चलाने की रणनीति बना रही है। बताया जा रहा है कि शनिवार को हुई प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में भी इसको लेकर चर्चा हुई है।
बता दें कि सरकार ने जगदलपुर स्थित बलीराम कश्यप मेडिकल कालेज का नाम बदलकर कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के नाम पर कर दिया है। राज्य में यह पहला मौका है जब किसी संस्था का नाम बदला गया है। इससे पहले नगरीय प्रशासन और श्रम विभाग में चल रही सात योजनाओं के नाम बदले जा चुके हैं।
इनमें से ज्यादातर योजनाएं पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर थीं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने इसे कांग्रेस का राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार खुद कोई जनकल्याण का काम नहीं कर सकती, इस वजह से केवल नाम बदलकर झूठी वाहवाही लूटने की कोशिश कर रही है।
कश्यप और कर्मा दोनों बस्तर के लिए बड़ा नाम
बलीराम कश्यप और महेंद्र कर्मा दोनों बड़े नाम हैं। कश्यप ने जनसंघ से राजनीति की शुरुआत की। बस्तर संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करते हुए राष्ट्रीय राजनीति में भी पहचान बनाई। वामपंथ से राजनीति में आए कर्मा भी सांसद और विधायक रहे। नक्सलियों के खिलाफ उन्होंने सलवा जुडूम आंदोलन का नेतृत्व किया। दोनों ही नेताओं के आज भी बस्तर में बड़े पैमाने पर समर्थक हैं।
भाजपा के पास न विधायक न सांसद
बस्तर संभाग में विधानसभा की 12 सीटें हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा एक मात्र दंतेवाड़ा सीट जीत पाई थी। वहां से विधायक चुने गए भीमा मंडावी की नक्सली हमल में मौत के बाद हुए उप चुनाव में यह सीट भी भाजपा के हाथ से निकल गई। बस्तर लोक सभा सीट भी कांग्रेस के पास है। कांकेर संसदीय सीट से भाजपा का कब्जा है, लेकिन इस सीट का बड़ा हिस्सा बस्तर संभाग से बाहर है।
इन योजनाओं के बदले गए हैं नाम
– पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना का नाम बदलकर राजीव गांधी स्वावलंबन योजना किया गया।
– पं. दीनदयाल उपाध्याय सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना का नाम डा. बीआर आंबेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना किया गया।
– पं. दीनदयाल उपाध्याय एलईडी पथ प्रकाश योजना का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी एलईडी पथ प्रकाश योजना किया गय
– पं. दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना का नाम राजीव गांधी आजीविका केंद्र किया गया।
– पं. दीनदयाल उपाध्याय शुद्ध पेयजल योजना का नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी शुद्ध पेयजल किया गया।
– राजमाता विजयाराजे कन्या विवाह योजना का नाम बदलकर मिनीमाता कन्या विवाह योजना किया गया।
– पं. दीनदयाल उपाध्याय अन्न् श्रम सहायता योजना का नाम शहीद वीर नारायण सिंह श्रम सहायता योजना किया गया।