15 दिन में पड़ रहे 15 पर्व, सभी कोरोना की भेंट चढ़े
रायपुर।13 के अंक को भले ही कुछ लोग शुभ नहीं मानते, लेकिन इसी अंक से साल 2021 की चैत्र नवरात्रि और हिंदू नव वर्ष का शुभारंभ हो रहा है। इसके बाद अगले पखवाड़े तक यानी 15 दिनों में लगभग 15 पर्व, त्योहार पड़ रहे हैं।
इनमें हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वों के अलावा इस्लाम धर्म का पवित्र रमजान महीना, सिख धर्म का बैसाखी पर्व, जैन धर्म के तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्मकल्याणक उत्सव, सिंधी समाज के भगवान झूलेलाल का उत्सव समेत अनेक गुरुओं, महापुरुषों की जयंती भी मनाई जाएगी।
हिंदू नववर्ष के शुरुआती 15 दिनों में पड़ने वाले सभी पर्व, त्योहार कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गए हैं। समाज के लोग अपने परिवार के साथ घर पर ही सादगी से परंपरा, रस्म निभाएंगे और जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे।
समाज के ग्रुप में आनलाइन फोटो
कोरोना के चलते समाजजनों ने सभी पर्व को सादगी से मनाने और आनलाइन प्रसारण किए जाने की योजना बनाई है। समाज के विविध ग्रुपों में पर्व से संबंधित फोटो, वीडियो शेयर किया जाएगा।
नवरात्रि: 13 अप्रैल से देवी आराधना का दौर होगा, जो 21 अप्रैल तक चलेगा। मंदिराें में भक्तों का प्रवेश वर्जित है। इसलिए घर पर ही देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप, पूजा पाठ, हवन का सिलसिला चलेगा।
झूलेलाल जन्मोत्सव: 13 अप्रैल को सिंधी समाज के लोग घर पर ही भगवान झूलेलाल का जन्मोत्सव मनाएंगे और द्वार पर रंगोली सजाकर दीप प्रज्ज्वलित करेंगे।
गुड़ीपड़वा: 13 अप्रैल को महाराष्ट्रीयन समाज के लोग घर पर गुड़ीपड़वा की पूजा करेंगे।
हिंदू नववर्ष: इस बार 13 अप्रैल को शुरू हो रहे हिंदू नववर्ष पर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू महासभा के सदस्य शोभायात्रा, महाआरती का आयोजन नहीं करेंगे। घर पर ही ध्वजारोहण करेंगे।
गणगौर पर्व: 15 अप्रैल को गणगौर पर्व है, सुहागिनों एवं कुंवारियों द्वारा घर पर ही गणगौर पर्व की पूजा की जा रही है, हर साल धूमधाम से शोभायात्रा निकाली जाती है, इस बार सादगी से घर-घर में ही गणगौर को पानी पिलाने की रस्म निभाई जाएगी।
गुहाराज निषाद जयंती: 17 अप्रैल को निषाद समाज के लोग अपने आराध्य गुहाराज निषाद की जयंती भी घर पर ही मनाएंगे। हर साल निषाद समाज का सम्मेलन होता है, इस बार कोरोना के चलते सादगी से पूजा अर्चना की जाएगी।
रामनवमी: 21 अप्रैल को रामनवमी पर वीआईपी रोड के श्रीराम मंदिर, जैतूसाव मठ, दूधाधारी मठ में महज पूजा की परंपरा निभाएंगे। शोभायात्रा, भंडारा का आयोजन नहीं किया जाएगा।
महावीर स्वामी जयंती: 25 अप्रैल को जैन मंदिरों में सादगी से महावीर स्वामी की जयंती मनाई जाएगी। रात्रि में भव्य आरती होती थी, लेकिन इस साल घर पर ही आरती करेंगे।
हनुमान जयंती: 27 अप्रैल को हनुमान जयंती पर राजधानी के बावली वाले हनुमान, मच्छी तालाब गुढि़यारी के हनुमान और तात्यापारा समेत अनेक हनुमान मंदिरों में प्रतिमा पर सिंदूर, चोला का श्रृंगार किया जाएगा। इस बार महाभंडारा नहीं होगा।
धरती पूजा, खद्दी पर्व: 27 अप्रैल को आदिवासी समाज के लोग खद्दी पर्व मनाएंगे। इस दिन धरती पूजा का महत्व है, धरती माता की पूजा करके आभार जताएंगे। हर साल गोंडवाना भवन टिकरापारा में भव्य आयोजन होता है, इस बार सादगी से रस्म निभाई जाएगी।
रमजान का रोजा: हिंदू धर्म के अलावा इस्लाम धर्म का रमजान पर्व 14 अप्रैल से शुरू होगा। रमजान की विशेष नमाज भी घर पर ही अदा की जाएगी। मस्जिदों में प्रवेश प्रतिबंधित है। रोजा रखने वाले अपने घर पर ही सेहरी और इफ्तार करेंगे। सामूहिक दावतें नहीं होगी।
बैसाखी: सिख धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक बैसाखी पर्व 13 अप्रैल को है। हर साल गुरुद्वारों में विशेष अरदास की जाती है और भांगड़ा, गिद्दा का आयोजन भी होता है, जो इस बार नहीं होगा।