मौत से लिया सबक, कोविड आइसीयू वार्ड बनाया, 25 बेड बढ़ा रहे
जबलपुर। रेल अस्पताल में वेंटिलेटर न मिलने से दो दिन के भीतर दो रेल कर्मचारियों की मौत हो गई। इस बीच केन्द्रीय रेल अस्पताल की लचर व्यवस्था सामने आई, जिसको लेकर न सिर्फ मृतक के परिजनों ने बल्कि रेल यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
इससे सबक लेकर पश्चिम मध्य रेलवे के केंद्रीय अस्पताल ने रेलवे में कोरोना के बढते मामलों को देखते हुए अपने लचर व्यवस्था सुधारने में जुट गया है। अब प्रबंधन अस्पताल में सात बेड का कोविड आईसीयू बना रहा है, जिसमें चार वेंटिलेटर लगाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं कोविड वार्ड में 25 अतिरिक्त बेड बढाए गए हैं।
पमरे एजीएम ने संभाला मोर्चा: अस्पताल की लचर व्यवस्थाओं को लेकर उठ रहे सवालों को देखते हुए पश्चिम मध्य रेलवे के एजीएम शोभन चौधुरी ने मोर्चा संभालते हुए न सिर्फ अस्पताल की अव्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिए हैं बल्कि अस्पताल में आने वाले कोविड संक्रमित रेल कर्मचारियो को प्राथमिक और मुख्य उपचार देने कहा है। इतना ही नहीं अस्पताल प्रबंधन के एमडी डॉ.एके डोंगरा को वेंटिलेटर चलाने के लिए एक्सपर्ट की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
यह है हालात
— रेल अस्पताल को कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए 60 बेड पहले से हैं।
— 24 घंटे के दौरान इलाज करने के लिए आठ डॉक्टर शिफ्ट में ड्यूटी कर रहे हैं
— अस्पताल में 92 रेल स्टॉफ है। साथ ही आउटसोर्स से 42 कर्मचारी तैनात हैं
इसलिए बिगडी व्यवस्था
— वेंटिलेटर होने के बाद भी कोविड वार्ड में नहीं लगाए
— एक्सपर्ट और वेंटिलेटर की कमी का रोना रोते रहे
— अपने कर्मचारियों को बेहतर उपचार नहीं दे पाए
— मरीजों और उनके परिजनों की समस्याओं का समाधान नहीं किया
— मरीजों को प्राथमिक उपचार देने के बाद मेडिकल भेज दिया।
— हालात खराब हैं। हमारा पूरा प्रयास है कि रेल कर्मचारी और उनके परिजनों को अस्पताल में बेहतर उपचार मिले, कोविड आईसीयू वार्ड बनाया जा रहा है। वेड संख्या भी बढा रहे हैं। वेंटिलेटर एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है।
शोभन चौधुरी, एजीएम, पमरे
— कोविड के गंभीर मामलों के उपचार के लिए आईसीयू कोविड वार्ड बनाया है, जिसमें 7 बेड लगाए गए हैं। व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास हो रहे हैं।
एके डोंगरा, एमडी, रेलवे अस्तपाल
— रेलवे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से लगातार रेल कर्मचारियों की मौत हो रही है। जबलपुर में अस्पताल प्रबंधन के लिए सीएमडी, एमडी और सीएमएस, दोनों बैठे हैं, बावजूद इसके स्वास्थ्य सुविधाएं लचार हैं।
अशोक शर्मा, महासचिव, पश्चिम मध्य रेलवे मजदूर संघ
— रेलवे कर्मचारी और उनके परिजनों को रेलवे अस्पताल में इलाज नहीं मिलेगा तो कहां मिलेगा। असताल में वेंटिलेटर की संख्या बढाई जाए और इन्हें चलाने वालों को तत्काल रखा जाए, ताकि कर्मचारियों को यहां बेहतर उपचार मिले।
नवीन लिटोरिया, सचिव, वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन