सड़क व बाजाराें में घूम रहे आवारा सांड, जाेखिम में जान
ग्वालियर। नगर निगम ने मंगलवार को फिर सांड पकड़ो अभियान चलाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। अब जब मन करेगा तब फिर चंद सांड पकड़ दिखावा कर दिया जाएगा। शहरभर में हकीकत यह है कि वीआइपी मार्ग हो या शहर की कोई भी सड़क-बाजार सांड और गायों का जमावड़ा देखा जा सकता है। ग्वालियर जैसी स्मार्ट सिटी में आवारा मवेशियों की यह स्थिति हैरानी में डालती है, लेकिन जब इनके कारण लोग बेवजह अपनी जान गंवाते हैं, तब भी नगर सरकार चेत नहीं रही। हाल ही में एक कारोबारी ने सांड-गाय से घबराहट के कारण अपनी जान गंवा दी थी।
ज्ञात रहे कि कुछ रोज पहले ही राम मंदिर पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र के पीछे गली में नेहा विजन नाम से प्रतिष्ठान चलाने वाले कारोबारी पवन गुप्ता की मौत हो गई थी। उनकी मौत का कारण सांड व गाय से घबराहट थी। वे दुकान पर बैठे थे और अचानक तीन सांड व एक गाय वहां आ गए। गाय तो दुकान तक में घुस आई। वे घबरा गए और तबीयत बिगड़ गई। नगर निगम हर हादसे के बाद चंद सांड पकड़ अभियान चलाने का दावा करती है। हकीकत में यह अभियान का पांच फीसद हिस्सा भी नहीं होता। अभियान चलाने का मतलब यह कि आवारा मवेशियों से शहर को मुक्त कराया जाए। पांच या दस सांड पकड़ने से शहर कैसे आवारा मवेशियों से मुक्त होगा। हर बार यही समस्या सामने आती है।
उम्रदराज लोगों के लिए मुश्किलः चलती सड़क पर अचानक सांड व गाय आने से बचने के लिए सबसे ज्यादा परेशानी उम्रदराज लोगों को आती है। इसमें भी साइकिल व दोपहिया वाहन वाले घबरा जाते हैं। आवारा मवेशी कभी भी सड़क पर भिड़ जाते हैं या फिर दौड़ पड़ते हैं ऐसे में अपनी जान कैसे बचाएं तो इसी घबराहट में हादसे का शिकार तक होना पड़ जाता है।
वर्जन-
नगर निगम सीमा में आवारा पशुओं की समस्या बनी हुई है। देहात से आवारा मवेशी शहर में आ जाते हैं और परेशानी पैदा करते हैं। जिला कलेक्टर,सीइओ जिला पंचायत से इसको लेकर जल्द चर्चा कर ग्रामीण क्षेत्र की खाली पड़ी गाेशालाओं को विकल्प बनाया जाएगा
शिवम वर्मा, आयुक्त ,नगर निगम