वैश्विक कारणों से आज भारतीय बाजारों में गिरावट के चलते निवेशकों को हुआ 5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
Market Capitalization: बीएसई में लिस्टेड शेयरों का मार्केट कैप 256 लाख करोड़ रुपये के करीब था जो गुरुवार को बाजार में भारी बिकवाली के चलते घटकर 251 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है.
Investors Loss: वैश्विक कारणों से भारतीय शेयर बाजार ( Indian Stock Market) में गुरुवार को आए भारी गिरावट के चलते निवेशकों को 5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ( Mumbai Stock Exchange) का सूचकांक 1000 अंक से ज्यादा नीचे जा लुढ़का तो निफ्टी 300 अंकों की गिरावट के साथ 16,000 के आंकड़ों के नीचे जा फिसला है. शेयर बाजार में इस गिरावट से निवेशकों को करीब 5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
अमेरिकी बाजार में गिरावट का असर बुधवार को बाजार बंद होने पर बीएसई में लिस्टेड शेयरों का मार्केट कैप 256 लाख करोड़ रुपये के करीब था जो गुरुवार को बाजार में भारी बिकवाली के चलते घटकर 251 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है. अमेरिकी शेयर बाजार में बुधवार के ट्रेडिंग सेशन में बारी गिरावट का खामियाजा भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों को उठाना पड़ा है. अमेरिकी कंपनियों के बढ़ती महंगाई के चलते आए खराब वित्तीय नतीजों के चलते अमेरिकी शेयर बाजार के इंडेक्स में 3 से 4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी.
क्यों गिरे भारतीय बाजारदरअसल अमेरिका ( United States) की रिटेल कंपनियों ने बेहद खराब वित्तीय नतीजे पेश किए हैं. अमेरिकी रिटेल कंपनी टारगेट के खराब कॉरपोरेट नतीजे के चलते उसके शेयर में 25 फीसदी की गिरावट आ गई जिससे अमेरिकी बाजार का सेंटीमेंट खराब हो गया. इससे ये आशंका गहराने लगी है कि इसकी बड़ी वजह बढ़ती महंगाई है. महंगाई से निपटने के लिए अमेरिकी फेड रिजर्व ( Federal Reserve) ब्याज दरों ( Interest Rate) में फिर से बढ़ोतरी कर सकता है. ऐसे हुआ तो विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों में और भी बिकवाली कर सकते हैं.
रुपये में गिरावट है जारीडॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट जारी है. गुरुवार को एक डॉलर के मुकाबले रुपये घटकर 77.67 रुपये तक जा लुढ़का. इससे भी बाजार में बेचैनी है. इसके चलते आयात लगातार महंगा होता जा रहा है. इसका नतीजा ये है कि कंपनियां कीमतें बढ़ाने लगी हैं. इसके चलते जिससे घरेलू मांग पर असर पड़ेगा. सरकार का वित्तीय घाटा भी बढ़ सकता है. मई महीने में विदेशी निवेशक अब तक 30,000 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं. 2022 में अब तक विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से 1.57 लाख करोड़ रुपये वापस निकाल चुके हैं.