निजी स्कूल ने फीस के कारण नहीं दी TC, बेटियों को लेकर धरने पर बैठी मां, अधिकारी ने दिया आश्वासन
छिंदवाड़ा: छिंदवाड़ा में शुक्रवार को अपने दो मासूम बच्चों के साथ शहीद स्मारक के पास धरने पर बैठ गई। उसके हाथ में तख्तियां थी जिसमें लिखा था कि।सीएम शिवराज मामा हमें हमारी अंकसूची और टीसी दिलाओ। एक बच्ची के हाथ में रखे कागज पर बड़ी मार्मिक अपील भी थी जिसमें यह भी लिखा था कि मुझे पढ़ना और आगे बढ़ना है।दरअसल मां और बेटियां विजडम पब्लिक स्कूल के खिलाफ यहां धरना दे रही थी । दरअसलधरना दे रही महिला माया माहोरे ने बताया कि उसके पति देवेंद्र माहोरे का देहांत कोरोना काल में कोरोना संक्रमण से हो गया था। उनके जीवित रहते दोनों ने मेहनत, मजदूरी करके घर खर्च और बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाई थी, लेकिन पति के देहांत के बाद से परिवार की जिम्मेदारी अकेले पर आ गई। ऐसी स्थिति में बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना मुश्किल हो रहा है।अब वह अपने बच्चों को शासकीय स्कूल में एडमिशन करवाकर उनकी पढ़ाई जारी रखना चाहती है लेकिन पातालेश्वर मंदिर के पास संचालित निजी स्कूल के संचालक दोनों बेटियों योगिता माहोरे 12 वर्ष जो कि कक्षा पांचवी तथा संयोगिता माहोरे सात वर्ष जो कि कक्षा दूसरी में अध्यनरत है। दोनों बेटियों की अंकसूची और टीसी स्कूल प्रबंधन द्वारा नहीं दी जा रही है और 35 हजार रुपये की मांग की जा रही है।महिला ने बताया कि स्कूल के संचालक का कहना है कि जब तक उक्त राशि नहीं देंगे तब तक टीसी और अंकसूची नहीं दी जाएगी। महिला ने बताया कि उसने स्कूल संचालक की शिकायत कलेक्टर से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई इसलिए उन्हें शहीद स्मारक में धरना-प्रदर्शन की आवश्यकता पड़ी थी।लगभग 3 घंटे तक बैठी रहीशुक्रवार दोपहर कई घंटों तक विधवा महिला अपनी मासूम बेटियों के साथ शहीद स्मारक पर धरने पर बैठी रही। अंकसूची और टीसी दिलाए जाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह तथा जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए धरने पर बैठ गई।महिला व दो बच्चों के धरने पर बैठने की सूचना जैसे ही जिला प्रशासन को लगी तो अधिकारियों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर धरना खत्म कराया तथा समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। तहसीलदार ने कराई DEO से बातधरना प्रदर्शन की सूचना लगने के बाद छिंदवाड़ा तहसीलदार अजय भूषण शुक्ला तत्काल मौके पर पहुंचे थे।जहां पर महिला तथा बच्चों से उनकी समस्या पूछी तथा तत्काल मौके से जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद चौरागढ़े से बात की तथा तीनों को अपनी शासकीय वाहन में बैठाकर जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय ले गए। जहां पर जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल प्रबंधन से बात करके उनकी समस्या का समाधान एक-दो दिन में कराने का आश्वासन दिया है।