ब्रेकिंग
विधायक इंद्र साव ने किया मतदान कहा लोगो का आज भी लोकतंत्र पर है विश्वास विधायक इंद्र साव के नेतृत्व में निकली रैली में उमड़ा जन सैलाब विधानसभा चुनाव से ज्यादा की मिलेगी इस बार लीड :-इंद्र साव भाटापारा शहर पुलिस द्वारा संतमाता कर्मा वार्ड भाटापारा में घटित अंधेकत्ल के मामले का 24 घंटे के भीतर किया गया पर्दाफाश भाटापारा शहर पुलिस द्वारा आनलाईन क्रिकेट सट्टा का संचालन करने वाले 03 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार बृजमोहन अग्रवाल ने भाटापारा नगर में रोड शो कर जनता से भाजपा के लिए वोट मांगे कांग्रेस की राजनीति का उद्देश्य युवराज को लांच कर परिवार के लिए सत्ता का उपयोग करना है -मुख्यमंत्री विष्णु देव साय। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा न... बृजमोहन अग्रवाल का जन्मदिन माता देवालय वार्ड तालाब समीप में झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ ने वार्डवासियों के साथ मनाया रायपुर लोकसभा में इस बार भाजपा का तिलस्म टूटेगा,विकास उपाध्याय की होगी अच्छी जीत:- भूपेश बघेल रायपुर लोकसभा में इस बार भाजपा का तिलस्म टूटेगा,विकास उपाध्याय की होगी अच्छी जीत:- भूपेश बघेल भाटापारा विधायक इन्द्र साव ने कांग्रेस की महालक्ष्मी नारी न्याय गारंटी का शुभारंभ किया

 नासा का दावा- चंद्रमा से लाई गई धूल और तिलचट्टे हमारे, नीलामी रुके

बोस्टन  अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी ‘नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा) ने चंद्रमा से लाई धूल और तिलचट्टों पर अपना दावा करते हुए कहा है कि किसी अन्य को इनकी नीलामी करने का कोई अधिकार नहीं है। अंतरिक्ष एजेंसी ने बोस्टन स्थित ‘आरआर ऑक्शन’ से ‘1969 अपोलो 11’ अभियान के दौरान एकत्र की गई चंद्रमा की उस धूल की बिक्री पर रोक लगाने को कहा है, जो यह पता करने के लिए कुछ तिलचट्टों को खिलाई गई थी कि क्या चंद्रमा की चट्टानों में स्थलीय जीवन के लिए खतरा बनने वाला किसी प्रकार का पैथोजन होता है या नहीं। नासा के एक वकील ने नीलामीकर्ता को लिखे एक पत्र में कहा है कि इस धूल और तिलचट्टों पर अब भी संघीय सरकार का अधिकार है।
‘आरआर’ ने कहा कि चंद्रमा की करीब 40 मिलीग्राम धूल और तिलचट्टों के तीन कंकाल समेत प्रयोग में इस्तेमाल की गई सामग्री कम से कम चार लाख डॉलर में बिकने की संभावना थी, लेकिन उसे नीलाम की जाने वाली वस्तुओं की सूची से हटा दिया गया है। ‘अपोलो 11’ अभियान के दौरान चंद्रमा से 21.3 किलोग्राम से अधिक चंद्र चट्टान को पृथ्वी पर लाया गया था और इसे यह पता लगाने के लिए कीड़ों, मछलियों एवं कुछ अन्य जीवों को खिलाया गया था कि इससे उनकी मौत तो नहीं होती। जिन तिलचट्टों को चंद्रमा की धूल खिलाई गई थी, उन्हें मिनेसोटा विश्वविद्यालय लाया गया था, जहां कीट वैज्ञानिक मैरियन ब्रूक्स ने उनका अध्ययन करने के बाद कहा था, ‘मुझे संक्रामक एजेंट मौजूद होने का कोई सबूत नहीं मिला।’