देशभर से पहुंचे लोगों ने कैंडल मार्च निकाल दोनों देशों को एक होने का दिया संदेश
अमृतसर: स्वतंत्रता दिवस पर रात 12 बजे अटारी बॉर्डर पर निकाला गया शांति मार्च।भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित आटारी बॉर्डर पर पर रात 12 बजे अनूठा स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। रविवार-सोमवार की मध्यरात्री को अमन दोस्ती यात्रा निकाली गई। जिसमें पूरे भारत से लोग पहुंचे और दोनों देशों की सरकारों को उज्जवल भविष्य के लिए एक होने का संदेश दिया।हाथों में कैंडल पकड़ दोनों देशों के बीच शांति का पैगाम देते हुए ।1947 में आजादी के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच शांति का संदेश देने के लिए हर साल वाघा सीमा पर अमन-दोस्ती यात्रा निकली जाती है। इस दौरान कैंडल मार्च निकाला जाता है और बटवारे में मारे गए 10 लाख लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। पूरे देश के विभिन्न शहरों से पहुंचे लोगों ने हिंदू-पाक भाईचारा जिंदाबाद के नारे लगाए। इस दौरान अटारी बॉर्डर पर बना स्वर्ण द्वार तिरंगे के रंग में रंगा नजर आया।बंटवारे में मारे गए 10 लाख लोगों की आत्मिक शांति के लिए कैंडल मार्च निकाला गया।10 लाख लोगों को भी याद करना चाहिएआजादी के अवसर पर दोनों देशों को प्यार का संदेश देने पहुंचे लोगों का कहना था कि बंटवारे में पंजाब और बंगाल दो राज्यों ने सबसे अधिक दर्द सहा। 10 लाख लोग मारे गए थे। आजादी के इस अवसर पर इन शहीदों को भी याद करना चाहिए। उनकी आत्मिक शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।अटारी बॉर्डर खोलने की उठी मांगइस दौरान अटारी सीमा पर पहुंचे डॉ. दर्शन पाल ने दोनों देशों की सरकारों को अपने भविष्य के लिए एक होने की सलाह दी। उन्होंने दोनों देशों को अटारी बॉर्डर आम जनता व व्यापार के लिए खोलने को कहा। उनका कहना था कि विश्व के कई देश दोस्ती का हाथ बढ़ा अपने बॉर्डर खोल चुके हैं। लेकिन हम आज भी एक दूसरे के साथ लड़ रहे हैं।बैठ कर हो हर मुश्किल का हलमुम्बई से आयी कुसुम बिश्वाई ने कहा कि दोनों देशों की सरकारों को बैठ कर हल निकालना चाहिए। अंग्रेजों की हकूमत ने दोनों देशों को बांट दिया और दोनों के बीच नफरत की दीवार खड़ी कर दी। अगर हम बैठकर मुश्किलों का हल निकाल लेते हैं तो यह हमारे भविष्य के लिए अच्छा होगा।