तो क्या बिहार की राजनीति और राबड़ी देवी की कहानी है हुमा कुरैशी की वेब सीरीज ‘महारानी’ ?
नई दिल्ली। हुमा कुरैशी स्टारर पॉलिटिकल ड्रामा वेब सीरीज ‘महारानी’ ओटीटी प्लेटफॉर्म सोनी लिव पर रिलीज हो गई है। 10 एपिसोड की इस सीरीज की कहानी राजनीति के इर्द गिर्द घूमती है। ‘महारानी’ का ट्रेलर देखने के बाद से ही दर्शक इस वेब सीरीज का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। कारण है इसका बिहार की राजनीति से जोड़ कर देखा जाना। ट्रेलर रिलीज के बाद लोगों ने ये मत बना कि ये लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री बनने की कहानी से प्रेरित है।हालांकि सीरीज के रिलीज होने के बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर अगल-अलग मत है।
तो क्या राबड़ी देवी की कहानी है ‘महारानी’?
महारानी में हुमा कुरैशी ‘रानी भारती’ का किरदार निभा रही हैं। जो पति के घोटाले में जेल जाने के बाद मुख्यमंत्री बनती हैं। ट्विटर पर यूजर आशीष कुमार लिखते हैं कि सीरीज के शुरुआत में रानी भारती राबड़ी देवी की याद दिलाती हैं लेकिन यह उनकी कहानी नहीं है। सीरीज के खत्म होते होते यह बात साफ हो जाती है क्योंकि रानी भारती सीरीज में मुख्यमंत्री बनने के बाद खुद करोड़ों रुपये के घोटालों का पर्दाफाश करती है।
बिहार के राजनीतिक हालात से है समानता
तो वहीं वैभव माने हैं कि सीरीज में बिहार में व्याप क्राइम को बखूबी दिखाया गया है। राज्य में कैसे दिन दहाड़े हत्या होती है कैसे वो एक क्राइम स्टेट बना। सीरीज की कहानी हमें वास्तविकता से जोड़ती है।
अमन चौबे कहते हैं कि ‘कहने को तो ये वेब सीरीज काल्पनिक कथाओं पर आधारित है, लेकिन देखते हैं तो पता चलता है कि, निर्दशेक की कल्पना और वर्तमान में घटित हो रही राजनीतिक घटनाएं बहुत कुछ मेल खाती हैं।
मुंहझौसा कहना लगता है नेचुरल
नरेंद्र नाथ मिश्रा ने ट्विटर पर कह- महारानी देखनी शुरू किया है। बिहार में 90s की सियासी-सामाजिक पृष्ठभूमि को समेटने की अच्छी कोशिश है। कुछ अतिरेक हैं लेकिन वेब सीरिज के हिसाब से समझा जा सकता है। @humasqureshi ग्रामीण महिला किरदार में सटीक हैं। खासकर बात-बात में मुंहझौसा कहना बहुत नेचुरल है। बिहार को समझा जा सकता है
कुछ को लग रहा है राबड़ी देवी का महिमामंडन
तो वहीं अनिता लिखती हैं कि यह राबड़ी देवी का महिमा मंडन के लिए सीरीज बनायी गई है। लेकिन 90 के दशक के बिहार के उस स्याह इतिहास के बारे में सभी को जानकारी है, तो इस महिमामंडन को दर्शक एक टाइमपास पॉलिटिकल थ्रिलर से ज़्यादा ना समझे और राबड़ी देवी की तुलना रानी भारती के किरदार से नहीं की जानी चाहिए।